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Post: सहोदरा : बाघ ने फिर एक ग्रामीण को बनाया निवाला

सहोदरा : बाघ ने फिर एक ग्रामीण को बनाया निवाला

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :

एक और ग्रामीण का बाघ ने शिकार कर लिया,
आखिर कब तक ग्रामीण बाघ का शिकार होते रहेंगे

मवेशियों के होते इंसान को बाघ द्वारा मारकर खाने की ऐसी घटना बाघ के आदमखोर होने अथवा घायल या फिर उसके कमजोर होने का संकेत दे रहा है

जिसपर विभाग को ध्यान केंद्रित करना जरुरी है

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मंगुराहा वन क्षेत्र अंतर्गत सहोदरा थाना के कैरी गांव के समीप बाघ ने एक भैंस चरवाहा को बनाया अपना निवाला। इस घटना के बाद दोमाठ पंचायत के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

फोटो : मोहन सिंह

मवेशियों के होते इंसान को बाघ द्वारा मारकर खाने की ऐसी घटना बाघ के आदमखोर होने अथवा घायल या फिर उसके कमजोर होने का संकेत दे रहा है। जिसपर विभाग को ध्यान केंद्रित करना जरुरी है। यह घटना 1 अक्टूबर बुधवार के दोपहर की बताई जाती है। मिली जानकारी के अनुसार सहोदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत दोमाठ पंचायत के कैरी गांव के खेखरिया टोला निवासी किशन महतो उम्र करीब 60 वर्ष को जंगल से निकले बाघ ने उस समय हमला कर धर दबोचा और मार डाला जब वह भैंस लेकर अपने घर लौट रहा था।

घटनास्थल पर वनकर्मी और ग्रामीण शिकार हुये ग्रामीण की खोज करते

उसके साथ दो और अन्य चरवाहे भी थे, जो शोर मचाते हुए भाग खड़े हुए और इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंची वन विभाग की टीम शव को बरामद कर पोस्टमार्टम हेतु जीएमसीएच अस्पताल बेतिया भेज दिया। इस बाबत उसकी पत्नी श्रीदेवी ने बताया कि वह अन्य चरवाहों के साथ दोपहर भैंस चराने गए थे, करीब शाम 4:00 बजे वे मवेशियों को चराकर घर लौट रहे थे। इस समय बाघ ने हमला कर उन्हें उठा लिया और लेकर जंगल की ओर भाग गया। वर्ष 2025 जनवरी से लेकर अब तक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों को बाघ मार चुका है। लेकिन अब तक वन विभाग द्वारा कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका है। आखिर कब तक ग्रामीण बाघ का निवाला बनते रहेंगे।

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