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Post: आयरलैंड के राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथियों की भारी जीत

आयरलैंड के राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथियों की भारी जीत

आलेख : विजय प्रसाद

अनुवाद : संजय पराते

प्रस्तुति : अमिट लेख

कैथरीन कोनोली (जन्म 1957) केवल 1999 से ही सक्रिय राजनीति में शामिल हुईं। आयरलैंड के निवर्तमान राष्ट्रपति (2011-2025) माइकल डी. हिगिंस ने कोनोली को लेबर पार्टी में शामिल होने और चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। कोनोली और हिगिंस (जिन्हें आयरलैंड में माइकल डी के नाम से जाना जाता है) दोनों आयरलैंड के पश्चिमी तट पर स्थित शहर गॉलवे से हैं।

कोनोली का जन्म वहीं हुआ था, जहाँ वे एक मजदूर वर्ग के परिवार में सात लड़कियों और सात लड़कों में नौवीं संतान थीं। कैथरीन कोनोली की माँ का निधन तब हुआ, जब वे केवल नौ वर्ष की थीं। उनके पिता, जो एक गृहस्थ थे, अपने बड़े बच्चों को छोटे बच्चों की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी देते थे। कैथरीन कोनोली में सेवा और अनुशासन की गहरी भावना का विकास घर में ही हुआ, जिसमें लीजन ऑफ़ मैरी और ऑर्डर ऑफ़ माल्टा जैसे स्थानीय कैथोलिक धर्मार्थ संगठनों का योगदान शामिल था। यही कोनोली के ‘समाजवाद’ की राह थी, जैसा कि वे कहती हैं।

फाइल फोटो

एक वकील के रूप में, कोनोली ने गॉलवे में 1999 में एक युवा परिवार (दो लड़कों) के साथ गॉलवे सिटी काउंसिल में एक सीट के लिए चुनाव लड़ा और जीता और फिर 2004 से 2005 तक गॉलवे की मेयर बनी। माइकल डी 1990 से 1991 तक मेयर रहे थे। जिस तरह माइकल डी के साथ कोनोली सिटी हॉल तक गईं थी, उसी तरह, अब वह उनके साथ आयरलैंड के राष्ट्रपति पद तक पहुंच गई हैं। आयरलैंड ब्रिटिश उपनिवेशवाद द्वारा विभाजित एक देश है : इसकी अधिकांश जनसंख्या आयरलैंड गणराज्य (जनसंख्या 52 लाख) में रहती है, जबकि द्वीप की एक बड़ी आबादी (जनसंख्या 15 लाख) उत्तरी काउंटियों में रहती है, जो अभी भी यूनाइटेड किंगडम के नियंत्रण में हैं।

दुनिया भर में, 5 करोड़ से 8 करोड़ लोग आयरलैंड से आने का दावा करते हैं, जिनमें से अब ज़्यादातर अमेरिका में रहते हैं। ऐसे लोगों में सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति, चे ग्वेरा थे, जिनकी फोटो अब एक डाक टिकट पर है। यूके-नियंत्रित छह उत्तरी काउंटियों की आधी आबादी के पास आयरिश नागरिकता है, जबकि लगभग तीस लाख प्रवासी आयरिश नागरिकता रखते हैं, और इसलिए वे राष्ट्रपति पद के लिए मतदान करने के पात्र हैं। हालाँकि राष्ट्रपति वास्तव में गणराज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन इस पद पर पहले जो नौ राष्ट्रपति रहे हैं, उन्होंने इस पद को एक ऐसे मंच के रूप में आकार दिया है, जहाँ से वे औपचारिक रूप से पूरे आयरलैंड के लिए बोलते हैं। कवि और राजनीतिज्ञ माइकल डी ने इस पद को एक नैतिक व्याख्यान-पीठ में बदल दिया है, जहाँ से वे आयरलैंड के लिए, अपनी भूमिका के व्यापक मूल्यों पर, पूरी दुनिया को संबोधित करते हैं। यह एक ऐसी पोस्ट है, जिसका उपयोग करते हुए कैथरीन कोनोली को आनंद आएगा। कैथरीन कोनोली और माइकल डी, दोनों ही ऐसे बेबाक वामपंथी हैं, जो आयरलैंड में लोगों के लिए सम्मानपूर्वक जीवन जीने की कठिनाइयों को समझते हैं और फिर दुनिया भर की गंभीर चुनौतियों (विशेषकर अमेरिकी साम्राज्यवाद द्वारा उत्पन्न चुनौती) से भी वाकिफ हैं। कोनोली ने कहा है कि उन्होंने छब्बीस साल पहले आवास संकट के कारण राजनीति में प्रवेश किया था, जो ‘हमारे समय का एक परिभाषित सामाजिक संकट’ है। आयरलैंड में युवाओं के लिए आवास समस्या सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसके कारण कई लोगों को अपने कार्यस्थल के पास किराए पर अच्छा आवास मिलना असंभव लगता है। 1990 के दशक में, वित्तीय उदारीकरण के माध्यम से आयरलैंड की अर्थव्यवस्था में तेजी लाई गई थी और आयरलैंड को ‘सेल्टिक टाइगर’ (यह शब्द पहली बार मॉर्गन स्टेनली के एक विश्लेषक द्वारा इस्तेमाल किया गया था) के रूप में जाना जाने लगा। कॉर्पोरेट-कर की दर का कम होना और यूरोपीय संघ की सदस्यता ने देश को तकनीकी क्षेत्र और रियल एस्टेट के लिए धन आकर्षित करने में सक्षम बनाया। इससे आवास की कीमतें बढ़ गईं, जो 2008 में ऋण संकट के बाद, सेल्टिक टाइगर के पतन के बावजूद नहीं गिरी हैं, (इसका भी आइसलैंड जैसा ही हश्र हुआ, लेकिन इसके अपने बैंकिंग अभिजात वर्ग को जेल की सजा कम मिली।)। अनुमान है कि देश में ढाई लाख आवास इकाईयों की कमी है और डबलिन में एक नए शिक्षक को अपना पूरा वेतन एक मामूली अपार्टमेंट का किराया चुकाने में लगाना पड़ेगा। वर्ष 2012 और 2022 के बीच जहाँ वेतन सत्ताईस प्रतिशत बढ़ा है, वहीं संपत्ति की कीमतों में पचहत्तर प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोनोली ने अपने अभियान का अधिकांश समय आयरिश लोगों की प्रत्यक्ष समस्याओं पर केंद्रित रखा था, हालाँकि राष्ट्रपति पद सार्वजनिक बहस में केवल मुद्दों को उठा सकता है और निर्वाचित सरकार को सलाह दे सकता है। जब मैं 2014 में राष्ट्रपति निवास में माइकल डी से मिलने गया था, युद्ध और युद्ध-निर्माण पर मानव संसाधनों की बर्बादी से व्यथित थे, जिसके कारण मानव जीवन की समस्याओं के समाधान की उपेक्षा हो रही थी। उनकी दिलचस्पी इस बात में थी कि सामाजिक संपदा का इतना बड़ा हिस्सा युद्ध पर क्यों खर्च किया जा रहा है, जबकि यह स्पष्ट था कि युद्ध का होना (जैसे कि अमेरिका का आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध) समस्याओं को सुलझाने के बजाय और बढ़ा ही देता है। हमने आयरिश तटस्थता के मुद्दे पर चर्चा की थी और इस बात पर भी कि कैसे आयरलैंड ने अमेरिका को अपने शैनन हवाई अड्डे, जो गॉलवे से सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है, पर युद्धक विमानों और सीआईए के विमानों को उतारने की अनुमति देकर इस मूल सिद्धांत से विमुख हो गया है। कोनोली भी माइकल डी के बाद इसी चिंता के साथ राष्ट्रपति कार्यालय में प्रवेश करेंगी। उन्होंने न केवल अमेरिकी युद्ध-निर्माण के खिलाफ, बल्कि इज़राइल द्वारा फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार के खिलाफ भी महत्वपूर्ण बयान दिए हैं। जून में, कोनोली ने इज़राइल को एक ‘आतंकवादी राज्य’ कहा था। संभावना है कि डबलिन से इस प्रकार के बयान दिए जाते रहेंगे। 1932 में फियाना फेल (रिपब्लिकन पार्टी) के नेता के रूप में एमॉन डी वलेरा ने प्रधानमंत्री का पद जीता था, तब से देश का नेतृत्व फियाना फेल और फाइन गेल (आयरिश पार्टी) ने किया है। दोनों अब दक्षिणपंथी पार्टियां हैं (जिनका संयुक्त राज्य अमेरिका के राजनैतिक अभिजात वर्ग के साथ घनिष्ठ संबंध हैं) और 2020 से वे प्रधानमंत्री पद के लिए एक महागठबंधन में हैं। कोनोली ने फाइन गेल की हीथर हम्फ्रीज़ के खिलाफ चुनाव लड़ा, जिन्होंने बहुत खराब प्रदर्शन किया। एक ‘स्वतंत्र’ उम्मीदवार होने के बावजूद, कोनोली को वामपंथ का व्यापक समर्थन प्राप्त था : 100% रेड्रेस, आयरलैंड की कम्युनिस्ट पार्टी, ग्रीन पार्टी, लेबर पार्टी, पीपुल बिफोर प्रॉफिट, सिन फेन, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी और वर्कर्स पार्टी के साथ-साथ कई संगठनों और आंदोलनों ने उन्हें अपना समर्थन दिया था। इसमें संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी सिन फेन का समर्थन महत्वपूर्ण था ; यह उस गणतांत्रिक परंपरा पर जोर देता है, जो आयरलैंड के एकीकरण पर केंद्रित है और शहरों में पार्टी के मजदूर वर्ग की जड़ों पर ध्यान केंद्रित करता है, जहां आवास का प्रश्न सर्वोपरि है। हालाँकि कोनोली ने कहा है कि वह पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेंगी, लेकिन वह मुख्यतः मज़दूर वर्ग और उत्पीड़ितों की आवाज़ बनेगी, न कि आयरिश ज़मींदारों और आयरिश बैंकरों की, और न ही वह अमेरिकी साम्राज्यवाद और उसके सहयोगियों के प्रति दयालु होंगी।

(विजय प्रसाद भारतीय मूल के एक अमेरिकी लेखक, इतिहासकार, पत्रकार और टिप्पणीकार हैं। वे ट्राइकॉन्टिनेंटल: इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के कार्यकारी निदेशक और लेफ्टवर्ड बुक्स के मुख्य संपादक हैं।)

अनुवादक अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा के उपाध्यक्ष हैं। संपर्क : 94242-31650

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