औरंगाबाद से एक प्रतिनिधि की रिपोर्ट :
मार्ग शीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित 149 वीं नारायणी गंडकी महा आरती में भाग लेने हेतु अतिथियों को किया गया आमंत्रित
न्यूज़ डेस्क, जिला औरंगाबाद
एक प्रतिनिधि
– अमिट लेख
औरंगाबाद, (ए.एल.न्यूज़)। मंगलवार की देर शाम थाना क्षेत्र के पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में अंतरराष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान के तत्वावधान में सत्संग एवं भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का श्री गणेश समवेत स्वर में हनुमान चालीसा के पाठ से किया गया। कार्यक्रम के दौरान डी. आनंद ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर दिया। हनुमान जी, शंकर भगवान आदि विभिन्न देवताओं के भजनों द्वारा सत्संग की महिमा बताई गई। सत्संग में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आगे उन्होंने कहा कि प्रकृति का संरक्षण ही आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य की गारंटी है। विदित हो कि विभिन्न जगहों पर संस्था द्वारा लगातार पौधारोपण अभियान चलाया जा रहा है। कुछ दिन पहले स्वरांजलि सेवा संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर युवा समाजसेवी संगीत आनंद की शादी इको फ्रेंडली हुई थी । जिसमें अतिथियों के बीच सैकड़ो पौधों का वितरण करके वैवाहिक समारोह में एक अच्छा संदेश दिया गया था। ऐसे छोटे-बड़े कार्यक्रमों से आम जन पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं। इसी क्रम में आगे जानकारी दी गई कि भारत नेपाल सीमा पर क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के उद्देश्य से मार्ग शीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार की शाम गंडक नदी के पावन संगम तट पर 149 वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर कुमार फाउंडेशन एवं इसके संस्थापक अध्यक्ष आकाश कुमार के सहयोग से पौष्टिक आहार न्यूट्रिमिक्स पैकेट का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। एस.एस.एस ट्रस्ट द्वारा पुनः पौधों का वितरण करके जन-जन को हरित अभियान से जोड़ने का संकल्प लिया जाएगा। महाप्रसाद की व्यवस्था शशांक सिंह द्वारा की गई। कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों में महेंद्र शर्मा, पंडित आलोक उपाध्याय ,पंडित संतोष उपाध्याय,सत्येंद्र यादव, कृष्ण कुमार, अशोक सिंह, रमण कुमार,छोटू सिंह, उमेश यादव, धर्मेंद्र कुमार, संतोष राय, अंजू राय, बबलू सिंह , मिथिलेश कुमार, एवं छोटू पासवान की भूमिका सराहनीय रही । कार्यक्रम के अंत में संस्था को कंबल वितरण में सहयोग देने के लिए फौजी विद्यासागर राणा की प्रशंसा की गई। हनुमान जी की आरती के पश्चात शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम को विराम दिया गया।








