नौतन प्रखंड- अंचल पर अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले गरीबों ने किया प्रदर्शन
सभी गरीबों को 10 डीसमील आवास जमीन देने और स्वयं सहायता समुह सहित सभी कर्ज माफ करने का किया मांग
शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद सभी उत्पीड़ित गरीबों को रिहा करें सरकार
प्रखण्ड अधिकारी को 11 सुत्री मांगों को प्रधानमंत्री- मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन
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– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। नौतन अंचल और प्रखण्ड मुख्यालय पर अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया, सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा-माले नेता सह बैरिया मुखिया नवीन कुमार ने कहा कि देश के गरीबों की आमदनी पिछले 5 वर्षों में 40 फीसदी कम हुई है।
कमरतोड मंहगाई खासकर खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने गरीबों को एकबार फिर से गोइठा और लकड़ी के युग में लौटा दिया है। इस सबके बीच केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण विकास योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं में भारी कटौती कर दी है। मनरेगा को मारने की कोशिश चल रही हैं। मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 429 रुपए भी देने से मना कर दी है। बिहार में सबसे कम मनरेगा मजदूरी है, उन्होंने वृद्धों विकलांगों महिलाओं का पेंशन 3000 रूपये देने की मांग किया। माले नेता सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि दलित-गरीबों के लिए वास-आवास के लिए 10 डीसमील जमीन देने की बदले भाजपा सरकार गरीबों के घरों पर बुलडोजर चला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी अनधिकृत बस्तियों और भूमिहीनों का मुकम्मल सर्वे के आधार पर नया वास आवास कानून सरकार बनाये और 10 डीसमील जमीन देने की गारंटी करें।
इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि गरीबों के घर बिजली कम्पनी मनमानी तरीके से बिजली बिल भेज रहीं है, जिसपर तत्काल रोक लगाई जाये। आगे कहा कि दिल्ली- पंजाब के तर्ज पर बिजली बिल के बकाया को माफ करते हुए उन्हें 200 यूनिट फ्री बिजली दे सरकार, आगे कहा कि दलित-गरीबों महिलाओं और बच्चियों पर बढ़ते हमले के प्रति सरकार असवेदनशील है। गरीबों का भुख, गरीबी और कर्ज के दुष्चक्र में फंसकर आत्महत्याओं का दौर शुरू हो गया है। लेकिन ये सवाल सरकार की चिंता में शामिल नहीं है। वही शराबबंदी कानून के तहत जेल में बंद गरीबों को रिहा करने की मांग को दोहराया, अंत में माले के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के सीओ से मिल कर ज्ञापन सौंपा! धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से ललन पासवान, दोधारी महतों, मंसूर खान, रमेश्वर यादव, श्रवण राम, रविन्द्र राम, बसंती महतों, सुरेन्द्र राम, छठिया देवी गुलाबी देवी आदि नेताओं ने नेतृत्व किया।