



✍️ अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो
– अमिट लेख
आरा/ भोजपुर। भाकपा-माले नेताओं सहित महादलित परिवारों पर से फर्जी मुकदमा वापस लेने, जिला स्कूल स्थित महादलित परिवार सहित अन्य ग़रीबों को बसाने,आरा नगर निगम की सिंगही स्थित सात बिगहा जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त व फर्जी तरीके से उस जमीन का जमाबंदी रद्द कर दोषी लोगों पर कानून कारवाई करने, नल-जल योजना में भारी लूट का जांच कराने, शहर स्ट्रीट लाइट को ठीक कर चालू करने की मांग को भाकपा-माले का प्रतिनिधिमंडल भोजपुर जिलाधिकारी राजकुमार से मिला। प्रतिनिधिमंडल में भाकपा-माले राज्य स्थायी समिति सदस्य व तरारी विधायक सुदामा प्रसाद,आरा नगर सचिव दिलराज प्रीतम व राज्य कमेटी सदस्य क्यामुद्दीन अंसारी शामिल थे। भोजपुर जिलाधिकारी ने मुकदमा वापस लेने का आश्वासन देते हुए सहित सभी मांगों पर कार्रवाई करने का ठोस आश्वासन दिया। इस दौरान भाकपा-माले राज्य स्थायी समिति सदस्य व तरारी विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि भोजपुर में गरीबों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था को उजाड़ा जा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि गरीबों को उजाड़ने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ बुनियादी नागरिक सुविधा होनी चाहिए। लेकिन यहां तो सुप्रीम कोर्ट का बनाया हुआ कानून की धज्जियां उड़ाते हुए जो लोग इन गरीबों के लिए लड़ने वाले भाकपा-माले नेताओं को फर्जी मुकदमा लादकर गरीबों की आवाज को दबाना चाहती है वहीं दूसरी तरफ आरा नगर निगम की 7 बिगहा जमीन को भू-माफियाओं और नगर निगम के मिली-भगत से बेच दिया गया।इस जमीन का जमाबंदी हो गया। जब भाकपा-माले नेताओं की टीम के साथ आरा सदर एसडीओ के साथ इन गरीबों उस नगर निगम की जमीन पर बसाने के लिए वार्ता भी हुई तब जाकर उस जमीन की घोटाले बात सामने आई। इस जमीन घोटाले में नगर निगम के साथ-साथ अंचलाधिकारी की भूमिका भी स्पष्ट हो गयी। इसलिए इन महादलित परिवारों को वहीं सिंगही स्थित जमीन पर बसाने की गारंटी कर सभी जमीन घोटालेबाजों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। नहीं तो भाकपा-माले आगे आंदोलन खड़ा करेगी।