



सभी राजनीतिक दलों ने अपनी किस्मत पर रोने के लिए छोड़ दिया है बिहारियों को
जिले भर में जन सुराजी चला रहे जन संपर्क अभियान
✍️ दिवाकर पाण्डेय, जिला न्यूज़ ब्यूरो
– अमिट लेख
मोतिहारी, (विशेष)। महागठबंधन और भाजपा ने बिहारियों को अपनी किस्मत पर रोने के लिए छोड़ दिया है और बिहारी रोज़ी -रोटी के लिए दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। विकास से कोसों दूर बिहार आजादी के बाद से अबतक देश का सबसे पिछड़ा, अशिक्षित, बेरोजगारी और गरीबी से जूझने वाला प्रदेश बना हुआ है। इस स्थिति को बदलने के लिए प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले जन सुराज के अलावा कोई उपाय नहीं है। उक्त बातें आज यहां जारी एक बयान में जन सुराज के मुख्य प्रवक्ता संजय कुमार ठाकुर ने कही। उन्होंने जानकारी दी है कि पिछले 11 मई से जिले भर में जन सुराज के नेता- कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर जन संवाद कर जनता को आगाह कर रहे हैं। श्री ठाकुर ने बताया कि कल्याणपुर- कोटवा में अनिल कुशवाहा, मेहसी- तेतरिया में डाक्टर आलोक मिश्रा, केसरिया – संग्रामपुर में रामशरण यादव और आलोक शर्मा, मधुबन -पिपरा कोठी और चकिया में दुष्यंत सिंह, नन्द किशोर बैठा तथा श्री कांत सिंह, ढाका -घोडासहन में जयमंगल कुशवाहा, सुगौली – रामगढ़वा में संजय कुमार ठाकुर, छौडा़दानो – बनकटवा में दिलीप साह, रक्सौल -आदापुर में मो. असलम, पहाड़पुर -अरेराज – हरसिद्धि में चन्दन सहनी, मोतिहारी- तुरकौलिया में अमिता निधि, चिरैया -पताही में बीर प्रसाद महतो एवं मुन्ना सिंह तथा फेनहारा – तेतरिया में तारिक अनवर चंपारणी लोगों के बीच जाकर जन सुराज की बाबत जानकारी दे रहे हैं और प्रशांत किशोर की सोंच से अवगत करा रहे हैं। श्री ठाकुर ने बताया कि जनता भाजपा और महागठबंधन से ऊब चुकी है और अपने विकल्प के रूप में जन सुराज को स्वीकार कर रही है। ज्ञात हो कि जन सुराज की अवधारणा के प्रणेता प्रशांत किशोर पिछले वर्ष दो अक्टूबर से जनता को जगाने हेतु पदयात्रा कर रहे हैं और अभी तक पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सीवान, छपरा और वैशाली जिलों के पदयात्रा पूरी कर समस्तीपुर पहुंच चुके हैं। यहां अस्वस्थता के कारण अभी पदयात्रा स्थगित है। प्रशांत किशोर आठ माह से लगातार पच्चीस सौ किलोमीटर पदयात्रा कर करीब तीन हजार गांवों में घूम चुके हैं जहां गांवों की दुर्दशा से परिचित हुए हैं। बिहार की बदतर स्थिति के लिए कांग्रेस- राजद- जदयू और भाजपा समान रूप से जिम्मेदार है। बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले जन सुराज ही अब एक मात्र विकल्प है।