



पूर्व काल से हम भारतवासी मोटे अनाज का सेवन करते रहे है वह वर्तमान में हम लोग भूल से गए हैं
✍️ वाल्मीकिनगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट
– अमिट लेख
वाल्मीकिनगर, (इंडो-नेपाल)। बगहा स्थित एसएसबी 21 वीं बटालियन के मुख्य कार्यालय परिसर में मिलेट फेस्टिवल का आयोजन किया।
इस महोत्सव का मनाने का मुख्य उद्देश्य है “आ अब लौट चलें, अपनी भारतीय संस्कृति की ओर”। जैसे की पूर्व काल से हम भारतवासी मोटे अनाज का सेवन करते रहे है वह वर्तमान में हम लोग भूल से गए हैं। साथ में भारत सरकार द्वारा इसके द्वारा दिशा निर्देश भी प्राप्त हुए हैं कि हम अपने रोज के खाने में मोटे अनाज को शामिल करें।
इसी के मद्देनजर मोटे अनाजों का उपयोग सशस्त्र सीमा बल अपनी जवान मेस मे नियमित रूप से कर रहा है, साथ ही साथ मिलेट्स फेस्टिवल मना कर इसका प्रचार-प्रसार भी कर रहे है।
मुख्यालय में जो जवान अपने परिवार के साथ रह रहे हैं उनको भी इसका इस्तेमाल करने के लिए कमांडेंट महोदय इसके फायदे और इसका जीवन में महत्व इस विषय पर प्रकाश डालते हुए सभी को मोटे अनाज को अपने आहार में शामिल करने का आह्वान किया है। बतादें, इस फेस्टिवल में मोटे अनाज से बने हुए व्यंजन जैसे बाजरा की खिचड़ी, बाजरा की पकौड़ी बाजरे से बनी हुई लिट्टी, बाजरा से बनी हुई पूरी, रागी से बना हुआ हलवा आदि प्रकार के व्यंजनों को बनाकर सभी ने इसका स्वाद भी चखा।
कार्यक्रम में 21 वाहिनी कमांडेंट श्री प्रकाश कमांडें, कमांडेंट चिकित्साश्रीमती ममता अग्रवाल,उप कमांडेंट उमाशंकर नासाना, सहायक कमांडेंट ऋषिकेश, सहायक कमांडेंट विवेक सिंह डांगी, सहायक कमांडेंट चिकित्सा जिस्नु, निरीक्षक अभय कुमार सिंह, मुख्य आरक्षी सत्येंद्र कुमार आरक्षी मनजीत सतेंदर सागर,समेत राष्ट्रीय कवि व शायर डॉ शकील अहमद मोईन,बीपीएससी प्रोफेसर डॉ साजिया शकील हैदर शामिल रहे।