



बगहा हॉस्पिटल के डी०एस०आई कहते हैं कि – हम रूप रेखा बदल सकते हैं। पोस्टमार्टम के खेल में बहुत की संलिप्तता होती है
अनुमंडलीय अस्पताल बगहा के एक चिकित्सक कहते हैं हम तो स्वास्थ्य मंत्री के साथ उठते-बैठते हैं, हम मेडिकल में खलीफा हैं
✍ ठाकुर रमेश शर्मा
– अमिट लेख
रामनगर, (विशेष)। थाना क्षेत्र में हत्या फिल्मी स्टाइल में होने लगी है, कारण पुलिस की लापरवाही। शाम होते ही शहर के उत्तरी छोर सोनेश्वर चौक से भगत सिंह चौक, अंबेडकर चौक, बेला-गोला, हनुमान मंदिर चौक, भुनेश्वर चौक तक अनेकों ग्रुप आजकल सक्रिय हैं।
शाम होते ही कोई वीआईपी अगर चाहे कि परिवार के साथ मोटरबाइक या चार चक्के से बाजार कर ले, तो संभव नहीं है। कतिपय नौजवान पेंट के ऊपर और शर्ट के नीचे अवैध आर्म्स खूब घूमा रहे हैं।
बुलेट बाइक वाले सेलेंसर खोलकर चला रहे हैं, क्या यहां के सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े अधिकारीयों को दिखाई नहीं देती हैं ?
बस प्रतिदिन शरीफ आम जनता का हेलमेट, ट्रिपल राइडिंग की जांच करके चालान वसूली कर सुरक्षा का कोरम पूरा कर लिया जाता हैं। जांच स्थल धोकराहां ढाला, दोन कनाल के छंगुरही बंजरिया,नहर पुल के पूरब में गोवर्धना फॉर्म चौक, छवघरिया- मेहनवल के रास्ते में सोहसा पंचायत के उत्तरी सीमा से ढोंगही पुल, बेलौरा पुल, बैकुन्ठवा माई स्थान, इन जगहों से परिवार वाले प्रतिष्ठित लोगों से वसूली होती है। रामनगर के महान समाज सेवी नरैनापुर निवासी जदयू के वरिष्ठ अल्पसंख्यक नेता भाई मो०इस्लाम उर्फ शेख़ गुड्डू के 16 वर्षिय नाबालिग पुत्र मो० सुफ़ियान का किस प्रकार षड्यंत्र कर, बुलाकर प्री प्लानिंग हत्या कर दिया गया। जिसका रामनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज़ करके पुलिस लगातार छापेमारी करके उदभेदन में जुटी है। रामनगर में एक के बाद एक दूसरी घटना क्यों घट रही है? हालांकि सुफियान हत्याकांड में विगत नगर परिषद के उपसभापति चुनाव के प्रत्याशी प्रतिनिधि शेख गुड्डू ने इमिलिया टोले के मोहम्मद आमिर, नेपाली टोला भट्ठा मुहल्ला निवासी साहिल सोनी, मिस्कार टोली के फैसल रज्जा, सबूनी निवासी विकास कुमार सहित दो और अन्य लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाएं हैं। आखिर सुफियान गौनाहा क्षेत्र के पिपरिया साइफन के पास क्या करने गया था? कहीं किसी षड्यंत्र के तहत नेपाल सफर में तो नहीं गए थे? इसका खुलासा तो वैज्ञानिक अनुसंधान के फार्मूलो से ही पता लग पाएगी। परंतु अभी तो यह हत्याकांड एक पहेली बन कर रह गई है। अब एक महीने के कॉल डिटेल ही इस हत्याकांड के परत को हटा सकती हैं। इस महीने में आखिर सुफ़ियान किन-किन लोगों की संगति में रहा है, इसे टावर लोकेशन ही बता पाएगी। अगर यह बच्चा पढ़ने जाता था तो उस संस्थान में इसकी गतिविधि कैसी थी? फिलहाल सबसे बड़ी बात यह है कि इतने छोटे मासूम ने ऐसा क्या कर दिया था किसी का? कौन से राज का पर्दाफाश करने वाला था, जिससे इसकी हत्या करनी पड़ी। इस हत्याकांड के सूक्ष्म तथ्यों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसा जदयू के सभी नेताओं ने मांग किया है। पोस्टमार्टम पर भी निगरानी रखनी होगी कहीं सबसे बड़ा खिलाड़ी तो पोस्टमार्टम हाउस में नहीं बैठा है। बगहा हॉस्पिटल के डी०एस०आई कहते हैं कि – हम रूप रेखा बदल सकते हैं। पोस्टमार्टम के खेल में बहुत की संलिप्तता होती है। यहां के पूरे स्टाफ का तबादला जरूरी है। अनुमंडलीय अस्पताल बगहा के एक चिकित्सक कहते हैं हम तो स्वास्थ्य मंत्री के साथ उठते-बैठते हैं, हम मेडिकल में खलीफा हैं, आम लोगों की ऐसी दलीलों को सुन न्याय तो तब मिलेगी जब न्याय की गुंजाइश हो।
इस हत्याकांड में चंपारण रेंज के डी० आई० जी० जयकांत साहब को विशेष ध्यान देना होगा तभी दूध का दूध और पानी का पानी अलग होगा ।
कोई बड़ा खलीफा संलिप्त तो नहीं इस हत्याकांड मे :
राकपा के राष्ट्रीय महासचिव प०चंपारण अंतर्गत रामनगर थानाक्षेत्र निवासी युवा नेता मो०सलाउद्दीन सईद सिद्दीकी ने अपने बयान में बताया की रामनगर पुलिस अनुमंडल क्षेत्र में कुछ दिनों से नशे की व्यापक प्रचलन हुई है, आखिर इसे बेचता कौन है तथा संरक्षणदाता कौन है? जिसपर बिहार पुलिस के एडीजे तथा डीजीपी बिहार को शीघ्र संज्ञान लेने की आवश्यकता है नही तो भारत के बच्चे नशे में अगर धकेले जायेंगे तो आर्यावर्त का क्या अस्तित्व खतरे में नही पड़ जायेगा?