दरअसल शनिवार की दोपहर बाद मां की मौत हुई। जैसे ही इसकी सूचना बेटे को मिली कुछ ही समय बाद बेटे की भी मौत हो गई
✍️ नंदलाल पटेल, बगहा में
– अमिट लेख
वाल्मीकिनगर, (इंडो-नेपाल)। बगहा में अपनी मां के निधन के बारे में सुनकर एक बेटे की मौत हो गई। दरअसल शनिवार की दोपहर बाद मां की मौत हुई। जैसे ही इसकी सूचना बेटे को मिली कुछ ही समय बाद बेटे की भी मौत हो गई।
बताया जा रहा है की चौतरवा थाना स्थित सीतापार गांव के स्वर्गीय सुखल पड़ीत की पत्नी बेला देवी (108) वर्ष की मौत हो गई। पटीदार और ग्रामीणों के सहयोग से अर्थी को सजाया जाना लगा। अंतिम संस्कार के लिए सभी रिश्तेदार पहुंचने लगे। सभी तैयारियां पूरी कर जैसे ही श्मशान घाट पर लोग निकलने के लिए तैयार हुए। इस समय बेटे के भी मौत हो गई। मृतक के चचेरे भाई नथुनी पंडित ने बताया कि पारस पड़ीत (77) जैसे ही मां की मौत की सूचना सुने एक चारपाई पर जाकर सो गए। जब सभी लोग श्मशान घाट जाने लगे तो मैं भी पारस पडित को बुलाने के लिए गया। लेकिन उनके देहांत हो चुका था। सभी लोग चीखने चिल्लाने लगे।
पुनः दूसरी अर्थी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। सभी प्रक्रिया पूरी कर मां और बेटे का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। नहीं है परिवार में कोई, बताया जा रहा है कि 55 वर्ष पहले पारस पड़ित की शादी हुई थी। शादी के कुछ ही दिनों बाद एक लड़की हुई थी। जिसकी शादी पारस ने धूमधाम से किया। लेकिन शादी के कुछ ही साल बाद बेटी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मां बेटे एक साथ रहते थे। 15 वर्ष पहले पारस की पत्नी का भी देहांत हो चुका है।
चर्चा का विषय बन गया है मौत :
यह घटना चारो ओर चर्चा का विषय बनी हुई है। हर तरफ चौक चौराहे पर इसी को लेकर चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि अब तक पुत्र के मरने की सूचना सुनते ही मां को मारते देखा गया है। लेकिन मां के मरने की सूचना सुनकर पुत्र का मर जाना आश्चर्यजनक घटना है। बताया जा रहा है कि 77 साल के उम्र में भी पारस अपने मां का काफी ख्याल रखते थे। खुद से ही अपना सब कुछ काम कर लिया करते थे। वही वही मां के दैनिक कामों में भी हाथ बताया करते थे।