प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर आपदा जोखिम को कम से कम करने का करें प्रयास
आमजनों को बाढ़, अगलगी, भूकंप आदि आपदाओं को लेकर करें जागरूक
विभिन्न आपदाओं के जोखिमों को कम करने, प्रभावितों को अविलंब राहत सामग्री उपलब्ध कराने आदि उदेश्यों को लेकर नरकटियागंज में सफलतापूर्वक कार्यक्रम का हुआ
आयोजनउत्साहपूर्वक लौरिया, मैनाटांड़, सिकटा, गौनाहा, नरकटियागंज के जिला परिषद सदस्य, प्रमुख/उपप्रमुख, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्यों ने लिया हिस्सा
✍️ सह-संपादक
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। विभिन्न आपदाओं के जोखिमों को कम से कम करने, प्रभावितों को अविलंब राहत सामग्री उपलब्ध कराने आदि उदेश्यों को लेकर आज नरकटियांज टीपीवर्मा कॉलेज के सभागार में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में जिलास्तरीय, अनुमंडल स्तरीय, प्रखंडस्तरीय पदाधिकारियों, एसडीआरएफ की टीम के साथ ही लौरिया, मैनाटांड़, सिकटा, गौनाहा एवं नरकटियांज प्रखंड के जिला परिषद सदस्य, प्रमुख/उपप्रमुख, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्यों की भागीदारी रही। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी, दिनेश कुमार राय ने कहा कि विभिन्न आपदाओं को लेकर सरकार अत्यंत ही गंभीर है। सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक बिन्दुओं पर तैयारी की जा रही है ताकि जान-माल की क्षति नहीं होने पाए। हम सभी को ऐसा प्रयास करना है कि जान-माल की क्षति कम से कम हो अथवा नहीं हो।
इस कार्य में माननीय जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़ आदि को लेकर आयोजित कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक माननीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित है। आपकी बातों को गंभीरता से सुना गया है, संबंधित अधिकारियों से नियमानुकूल तरीके से समाधान कराने हेतु हरसंभव प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन में माननीय जनप्रतिनिधियों की महती भूमिका है। मैं लगातार जिलास्तर, अनुमंडलस्तर, प्रखंड स्तर, ग्राम स्तर पर जनप्रतिनिधियों से मिलकर उनकी समस्याओं से अवगत हो रहा हूं और उसके समाधान की दिशा में विधिसम्मत कार्रवाई कर रहा हूं। जिलाधिकारी ने कहा कि संभावित बाढ़ आदि आपदाओं की स्थिति में जनप्रतिनिधियों को सजग एवं सतर्क रहना है। प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि आपस में समन्वय स्थापित कर बाढ़ से होने वाली परेशानियों को कम करेंगे। कम से कम क्षति हो, इस हेतु कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि आमजनों से सीधे जुड़े हुए हैं। उन्हें विभिन्न आपदाओं से निपटने हेतु जागरूक करें। उन्हें बतायें कि बाढ़ आने से पहले क्या करना है, बाढ़ आ जाने पर क्या करना है तथा बाढ़ के उपरांत क्या करना है। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार एवं जिला प्रशासन संवेदनशील है, आपदाओं से प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों को सरकार द्वारा देय सभी सुविधाएं प्रदान की जायेगी। आपदा की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति की जान बचाने के साथ ही उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कराने हेतु कार्रवाई की जायेगी। प्रभावित को मुआवजा, चिकत्सीय सुविधा सहित अन्य सुविधाएं तुरंत मुहैया करायी जायेगी। इसके साथ ही किसी कारणवश लंबित मामलों का भी त्वरित गति से निष्पादन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदाओं से निपटने में कम्युनिकेशन प्लान की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस हेतु जिला आपदा शाखा द्वारा कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी है। कम्युनिकेशन प्लान के तहत जिलास्तर, अनुमंडलस्तर, प्रखंडस्तर, ग्रामस्तर के अधिकारियों सहित सभी माननीय जनप्रतिनिधियों का भी नाम, मोबाईल नंबर आदि संकलित किया जा रहा है ताकि आपदा के समय त्वरित गति से सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके तथा प्रभावित को राहत पहुंचायी जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि अग्निकांड से निपटने के लिए प्रखंड/अंचल स्तर पर एक-एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। प्रखंड/अंचल में फायर ब्रिगेड की गाड़ी रहने पर तुरंत कार्रवाई करते हुए अग्निकांड पर काबू पाया जा सकेगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि जनप्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से सुने तथा विधिसम्मत समाधान करने का प्रयास करें। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी कहा कि अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करें। योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग दें। समन्वय के आधार पर किये गये कार्यों का परिणाम बेहतर होता है। कार्यक्रम में शेहरवा, लौरिया, रखई चंपापुर, गौनाहा, भभटा, सिसवनिया, मनवा परसी, नरकटियागंज, गोखुला, माधोपुर, चौहट्टा, मैनाटांड़, लौरिया, सिकटा, बेलसंडी आदि जगहों के माननीय जनप्रतिनिधिगण द्वारा अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं की ओर जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया गया। समस्याओं में मुख्यतः जलजमाव, सिंचाई नाला का अतिक्रमण, तटबंध की निगरानी, कटाव, पुल-पुलिया का निर्माण, ह्यूम पाईप का अधिष्ठापन, त्रिवेणी एवं घोड़ासहन कैनाल के तलहटी की सफाई आदि शामिल हैं। उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम तथा कार्यक्रम में जिलाधिकारी सहित अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारियों की उपस्थिति की सराहना की गयी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आयोजन पहली बार हो रहा है, जहां जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों की समस्याओं को सुनने तथा उसका समाधान करने हेतु प्रखंडों में आये हैं। जिलाधिकारी द्वारा सभी माननीय जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया कि क्षेत्रान्तर्गत समस्याओं को उठाने वाले जनप्रतिनिधियों की प्रत्येक बातों को गंभीरता से लिया जायेगा और नियमानुकूल समाधान कराया जायेगा। जिला प्रशासन हमेशा जनप्रतिनिधियों के साथ खड़ा है, जनप्रतिनिधि भी विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन एवं विभिन्न आपदाओं से निपटने में अपेक्षित सहयोग करें। कर्यक्रम में प्रारंभ में अपर समाहर्ता, श्री अनिल राय तथा एसडीआरएफ की टीम द्वारा बाढ़, सुखाड़, अग्निकांड, भूकंप आदि की स्थिति में कैसे अपना तथा अपने परिवार का बचाव करें, इसके बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। इस कार्यक्रम में अपर समाहर्ता, अनिल राय, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, विपिन कुमार यादव, एसडीएम, नरकटियागंज, धनंजय कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, सुजीत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।