AMIT LEKH

Post: मोदी राज – साजिशों- अफवाहों का विकेंद्रीकरण : भाकपा-माले

मोदी राज – साजिशों- अफवाहों का विकेंद्रीकरण : भाकपा-माले

मोदी राज में सत्ता – संपति का केंद्रीकरण, साजिशों- अफवाहों का विकेंद्रीकरण : भाकपा-माले

भाजपा को केवल चुनावों में नहीं, बल्कि पूरी राजनीति से उसे किनारा लगाएं

15 जून को महागठबंधन के आह्वान पर आयोजित धरना -प्रदर्शन को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प

✍️ सह- संपादक

– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। भाकपा-माले नेता सुनील कुमार राव ने कहा कि मोदी शासन में सत्ता-संपत्ति का केंद्रीकरण हुआ है, और दूसरी ओर साजिशों-अफवाहों का विकेंद्रीकरण हुआ है। मोदी सरकार अंग्रेजों के नक्शे कदम पर चल रही है। आने वाला चुनाव देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में मोदी राज के नाकामियों को जनता के बीच ले जाने के लिए व्यापक जन अभियान चलाया जा रहा है। जो 15 जून को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर जुझारू और आक्रमक प्रदर्शन के रुप में होगा।
उक्त बातें नौतन के बनकटवा, ड़बरिया, खाप टोला तथा बैरिया प्रखण्ड के तधवा, बगहीं, सिसवा सरैया आदि जगहों पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए माले नेता ने कहा। उन्होंने कहा कि मोदी एक राजा की तरह शासन चलाना चाहते हैं। भारत में आज जो कुछ हो रहा है यही तो हिन्दू राष्ट्र है। दलितों, मुसलमानों, महिलाओं और अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने वालों पर हमले हो रहे हैं। जिस दिन संसद के नए भवन का उद्घाटन हो रहा था। उसी समय दिल्ली मे महिला पहलवानों पर लाठियां बरसाई जा रही थी। यौन शोषण का आरोपी बृज भूषण शरण सिंह खुलेआम रैलियां कर रहा है। गुजरात का उच्च न्यायालय मनुस्मृति की दुहाई दे रहा है। अम्बेडकर की मूर्तियां गिराई जा रही है। संविधान को रौंदा जा रहा है। इसके खिलाफ़ हमें एक व्यापक एकता बनानी होगी। गरीबों के लिए लोकतंत्र जरूरी है तभी वे जी पाएंगे। महा गठबंधन बिहार की जरूरत है। माले नेता सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि मोदी शासन के 9 साल जनता की चरम तबाही-बर्बादी, लूट-दमन और नफरत का भयावह दौर साबित हुआ है। मुखिया महासंघ के प्रवक्ता और माले नेता नवीन कुमार ने कहा कि महंगाई की मार से जनता त्रस्त है। यह पहली ऐसी सरकार है जो खाद्य पदार्थों से लेकर पाठ्य पुस्तकों व सामग्रियां पर भी टैक्स  (जीएसटी) लगा रही है। रसोई गैस की कीमत 1300 रु. प्रति सिलेण्डर पार कर गई है और लोग एक बार फिर से गोइठा व लकड़ी के युग में लौटने को विवश हैं। उज्जवला योजना के नाम पर लोगों की केवल सब्सिडी छुड़वाई गई। प्रत्येक साल दो करोड़ रोजगार का वादा भी पूरी तरह झूठ साबित हुआ। केंद्र सरकार के कार्यालयों में लाखों पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार उनपर कोई बहाली नहीं कर रही है। विगत 75 वर्षों में बेरोजगारी की ऐसी भयावह स्थिति कभी सामने नहीं आई थी। नेताओं ने कहा कि 15 जून का प्रदर्शन पश्चिम चंपारण में ऐतिहासिक होगा।

Recent Post