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Post: मुखिया पति ने लगाया धन उगाही का शिविर

मुखिया पति ने लगाया धन उगाही का शिविर

मुखिया पति और उसके सिपाह सलाहकार ने रचा गोरखधंधा

एक अदने आदमी को हल्का कर्मचारी बता पंचायत भवन में लगवाया शिविर

प्रत्येक व्यक्ति से एक रसीद काटने के बदले मुखिया पति वसूल रहे थे पंद्रह सौ रूपया

हल्का कर्मचारी बनकर आया व्यक्ति सिधाव का धर्मराज महतो निकला जिसे मार्कण्डेय गुरु और मुखिया पति ने बुलवाया था

अमिट लेख के पत्रकार द्वारा धन वसूली पर जताई गयी आपत्ति, सीओ ने साफ कहा कोई शिविर अंचल का नहीं लगा

सीओ बगहा दो ने इसे ठगी का मामला बताते हुये लोगों को सतर्क रहने को कहा

✍️ जगमोहन काजी, संवाददाता
– अमिट लेख

हरनाटांड, (बगहा ग्रामीण)। बगहा दो प्रखंड अन्तर्गत पंचायत राज देवरिया तरूअनवा के भोले भाले ग्रामीण उस समय भौँचक रह गये, जब “अमिट लेख” का संवाददाता लोगों के आशंका जाहिर करने पर रसीद शिविर से सम्बंधित संवाद संकलन करने पंचायत भवन पहुंचा। दर असल सुदूर देहात होने के चलते सदैव से यहाँ के ग्रामीणों को लूटने की परम्परा धंधेबाजों की रही है। बाहर का कोई भी व्यक्ति यदि हाक़िम बनकर इनके बीच पधारे तो सीधे-सादे ग्रामीण उनपर सहज़ हीं विश्वास कर लेते है। फिर, चाहे झूठे प्रपंच रच कर वह व्यक्ति उन्हें लूटने का मंसूबा हीं क्यों ना रखता हो। लेकिन जब कोई जन-प्रतिनिधि स्वयं जनता से धन उगाही करने का मंसूबा बना ले तब क्या होगा! बकरे की माँ कब तक बकरे की खैर मनाएगी? आज मंगलवार को तरुअनवा में वैसा हीं कुछ हुआ। दरअसल तरुअनवा के मुखिया पति संजय ओजहिया (जो, अपनी पत्नी मुखिया अंजू देवी के समस्त कार्यों का निष्पादन स्वयं करते हैँ तथा मुखिया जी केवल हस्ताक्षर करती हैँ) ने गांव के लोगों को सूचना देकर एकत्रित किया, की आज पंचायत भवन में बगहा-सीओ के निर्देशन में हल्का कर्मचारी का शिविर लग रहा है। जिसमें जरूरतमंद लोग अपने-अपने जमीन का रसीद घर बैठे हीं कटवा सकते हैँ। इतना ही नहीं मुखिया पति का खासम-खास मार्कण्डेय गुरु तो किसी-किसी को घर जाकर बुला भी लाया। मौके पर रसीद कटवाने पहुंचे लोगों से मुखिया पति संजय ओजहिया और मार्कण्डेय गुरु ने प्रति रसीद लोगों से पंद्रह सौ रूपए की मांग रखी। बाकायदा ग्रामीणों से धन उगाही करने के लिए मुखिया पति संजय ओजहिया ने मार्कण्डेय गुरु के सहयोग से एक नायाब तरीका आजमा लिया था। ग्रामीणों के अनुसार रसीद काटने जो व्यक्ति पंचायत भवन पहुंचा था, उसे मुखिया पति अंचल का हल्का कर्मचारी बता रहे थे। जबकि वह व्यक्ति सिधाव का धर्मराज महतो था, जिसे मुखिया पति संजय ओजहिया और मार्कण्डेय गुरु ने बुला रखा था। हुआ यूँ की जैसे हीं मुखिया पति ने एक रसीद के लिए पंद्रह सौ रूपए की मांग की किन्हीं लोगों को मन हीं मन नागवार गुजारा और चुपके से उन लोगों ने अमिट लेख के संवाददाता जगमोहन काज़ी को इस बाबत जानकारी दी।

हमारे संवाददाता ने सर्व प्रथम ऐसे शिविर की जानकारी के बारे बगहा दो अंचल के सीओ दीपक कुमार से सेल फोन से जानकारी मांगी तो अंचलाधिकारी श्री दीपक ने ऐसे किसी भी शिविर की बात से अनभिज्ञता जाहिर करते हुये इसे नकार दिया। पुनः संवाददाता ने ग्रामीणों को इस लूट से बचाने के लिए हल्का कर्मचारी नवलकिशोर दास से संपर्क कर शिविर की सत्यता की जानकारी ली। चूंकि अंचलाधिकारी और हल्का कर्मचारी दोनों इस शिविर से अनभिज्ञ थे अतः बगहा दो सीओ के मौखिक निर्देश पर अमिट लेख संवाददाता पंचायत भवन पहुँच कर लोगों के सामने मुखिया पति और उनके खास व्यक्ति मार्कण्डेय गुरु की धन उगाही से ओत-प्रोत इस अवैध शिविर का पर्दाफाश कर डाला। सत्य जानकर बौखलाये लोगों ने मुखिया और मुखिया पति समेत इस प्रपंच में शामिल सभी लोगों की जमकर क्लास लगायी और एक पत्रकार के कारण दर्ज़नों ग्रामीण अपने हीं जन-प्रतिनिधि के हांथो लुटने से बच गए। उक्त घटना के आलोक में सीओ बगहा दो ने जनता को निर्देश देते हुए फोन पर धन उगाही करने वालो से सतर्क रहने का सुझाव दिया, बकौल सीओ जिनका रसीद नहीं कट रहा है वे बगहा अंचल आंफिस या अपने हल्का कर्मचारी से मिलकर रसीद कटवा ले, ऐसे किसी भी अनाधिकृत शिविरों में पहुँचने से पहले उसकी सत्यता की जानकारी भली-भांति ले लें। हालांकि मुखिया अंजू देवी ने इस सन्दर्भ में अनभिज्ञता जाहिर की है, जो चौँकाऊ है। क्योंकि, दर्ज़नों ग्रामीण इस घटना के चश्मदीद हैँ।

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