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Post: दुर्व्यवस्था का शिकार बना अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज

दुर्व्यवस्था का शिकार बना अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज

मोबाइल की रोशनी जलाकर अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों का हो रहा है इलाज अस्पताल प्रशासन बेखबर

✍️ संतोष कुमार, विशेष संवाददाता

– अमिट लेख

त्रिवेणीगंज, ( सुपौल)। अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज में आए दिन लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। पर नकेल कसने के लिए, सूवे के स्वास्थ्य मंत्री तरह तरह के अभियान चला रहे हैं।

मिशन 60 अभियान को लेकर कई तरह की बातें की जा रही है। लेकिन ठीक उल्टे सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था सरकार के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था रहने के बावजूद स्वास्थ्य व्यवस्था का पोल खोलती नजर आ रही है। दरअसल गुरुवार की रात में हुई बारिश के बाद से ही त्रिवेणीगंज में बिजली नहीं है। और बिजली नहीं रहने के कारण अनुमंडलीय अस्पताल में जेनरेटर व्यवस्था रहने के बावजूद भी अस्पताल में अंधेरा छाया हुआ रहता है। जनरेटर स्टार्ट कर लाइट की समुचित व्यवस्था रखनी चाहिए। लेकिन ठीक इसके विपरीत अस्पताल में आज रोज शुक्रवार की सुबह से बिजली कटने के बाद मरीजों के बीच एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। यहाँ रोशनी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने से डॉक्टरों को अंधेरे में मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है। डॉक्टर अपने मोबाईल के टोर्च की रोशनी में मरीजों का समुचित इलाज कर पा रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आज शुक्रवार की सुबह पांच बजे से अभी तक अस्पताल में लाइट नहीं रहने के कारण मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज तो हो ही रहा है। साथ ही अस्पताल की साफ सफाई से लेकर सभी काम अंधेरे में हो रहा है। प्रसव पीड़िताओं को लेकर अस्पताल पहुंचे मरीज के परिजनों का आरोप है कि कल सुबह ही हमलोग डिलीवरी मरीज को लेकर यहां आए हुए हैं। अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉ सुमन कुमारी का कहना है। कि आज सवेरे पांच छह बजे से लाइट नहीं रहने के कारण अंधेरे में सब काम करना मुश्किल पड़ रहा है। जेनरेटर भी चालू नहीं है। अस्पताल की इस लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण डॉक्टर से लेकर मरीज के परिजन तक सफाई कर्मी सभी परेशान नजर आ रहे हैं।

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