लाठीचार्ज का मामला पकड़ने लगा तूल
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पटना। गत 13 जुलाई को बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुई लाठीचार्ज का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। एक तरफ जहां बीजेपी नेता की हुई मौत को लेकर ये कहा गया कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई थी। जिसकी रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। वहीं, बीजेपी इसे झूठा करार दे रही है उच्चस्तरीय जांच की बात कह रही है। दूसरी तरफ अब इस मामले में पटना की एएसपी काम्या मिश्रा सदर एसडीएम खंडेकर श्रीकान्त कुण्डालिक इस मामले में फंसते हुए नजर आ रहे है। बीजेपी नेता ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रोटोकॉल के उल्लंघन की शिकायत की थी। जिसके बाद अब कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है। बीजेपी नेताओं पर हुई लाठीचार्ज में सांसद जनार्दन सिंह सिग्रिवाल बुरी तरह घायल हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने इस मामले को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की थी। जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है इस मामले में कार्रवाई करने का भी आदेश दे दिया गया है। बीजेपी सांसद ने अपने शिकायत में विशेषाधिकार हनन प्रोटोकॉल के उल्लंघन की शिकायत की थी। आपको बता दें कि पटना की एएसपी काम्या मिश्रा, सदर एसडीएम खंडेकर श्रीकान्त कुण्डालिक समेत पटना जिले के दूसरे भी कई पदाधिकारियों के खिलाफ उन्होंने शिकायत की थी। बीजेपी सांसद ने अपने शिकायत में कहा है कि बेहद ही शांतिपूर्ण तरीके से इस मार्च का आयोजन किया गया था। जिसमें भाग लेने के लिए वो पहुंचे थे। इस मार्च में प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा बीजेपी के कई पूर्व मंत्री, सांसद, समेत दूसरे नेता मौजूद थे। ये कार्यक्रम मुख्य सचिव डीजीपी की जानकारी में था ऐसे में ये उनकी जिम्मेदारी थी कि वो कानून-व्यवस्था को बनाए रखे। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पटना सदर खंडेकर श्रीकान्त कुण्डालिक, एएसपी काम्या मिश्रा, सहित भी कई पदाधिकारियों के आदेश के बाद ही मुझ पर लाठियां बरसाई गई। इतना ही नहीं वो मेरे सिर कमर पर मारने के लिए उन्हें कह रहे थे।