रिपोर्ट: रुचि सिंह सेंगर
छपरा (सारण) : जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जिस तरह फर्श पर जमी हुई काई को छुड़ाने के लिए झाड़ू से रगड़ना पड़ता है, ठीक उसी प्रकार बिहार के लोगों के दिमाग में जाति और धर्म का मोटा काई जमा गया है। हम पदयात्रा के माध्यम से उस काई को छुड़ाने के लिए गांव-गांव जा रहे हैं, यह एक दिन का काम नहीं है। इस काम में एक-डेढ़ साल लग जाएंगे। लेकिन इस को एक दम से साफ़ करके दिखा देंगे। जन सुराज का पहला संकल्प रोड, नाली-गली नहीं है यह काम तो हो ही जाएगा। जन सुराज का पहला संकल्प है जैसे ही जनता की सरकार आपकी सरकार बन गई उस दिन से साल भर के अंदर जितने भी लड़के बाहर जाकर मजदूरी कर रहे हैं और जितने भी लड़के घर पर बेरोजगार बैठे हैं, उन सब के लिए 10 से 15 हजार की रोजगार की व्यवस्था बिहार में ही करेंगे।