विकास खण्ड निचलौल अंतर्गत संचालित मदरसा मोईनुल इस्लाम छितौना मेघौली में चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर मदरसा के बच्चों द्वारा मांगी गई दुआएं
तैयब अली चिश्ती
– अमिट लेख
महराजगंज, (जिला ब्यूरो)। जनपद के विकास खण्ड निचलौल अंतर्गत संचालित मदरसा मोईनुल इस्लाम छितौना मेघौली में चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर मदरसा के बच्चों द्वारा मांगी गई दुआएं।
मदरसा के प्रधानाचार्य मौलाना गयासुद्दीन खान निजामी ने कहा कि हिंदू हो या मुस्लिम हिंदुस्तान के दोनों वर्ग चांद से बेहद लगाव रखते हैं तो वही मुस्लिम धर्म में ईद, बकरा ईद, मुहर्रम, सहित आदि पर्व चांद को देखकर ही मानता है।मुस्लिम धर्म का हिजरी संवत कैलेंडर भी चांद की गति पर आधारित है और तराई अंचल के जिलों में भोजपुरी में चांद को लेकर तमाम लोरियां प्रचलित हैं। पूर्वांचल में प्रचलित लोरी “चंदा मामा आरे आवा पारे आवा, सोने के कटोरिया में दूध भात लेते आवा” बचपन में हर कोई अपनी मां से यह सुन कर दूध रोटी के एक एक लुकमा खाया है।
ऐसे में चांद से धरती के मजबूत होते रिश्ते और चांद की खैर मकदम की जानकारी लेने पहुंचे चंद्रयान- 3 की लैंडिंग को देश एक पर्व के रूप में मना रहा है। देश के वैज्ञानिकों ने करोड़ों देशवासियों के ख्वाब और प्राचीन काल से चांद के साथ जुड़े संबंधों को हकीकत में बदल दिल जीत लिया। मदरसा मोईनुल स्लाम के प्रधानाचार्य मौलाना गयासुद्दीन खान निजामी ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर इसरो के सभी वैज्ञानिकों को दिल से धन्यवाद ज्ञापित किया।