हमारे विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा को लेकर बिहार में सरकार और शिक्षक संगठन आमने-सामने है
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (विशेष ब्यूरो)। नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा को लेकर बिहार में सरकार और शिक्षक संगठन आमने-सामने है। इसको लेकर तनातनी इतनी बढ़ गई कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक के उस आदेश को भी शिक्षक नहीं मान रहे जिसमें उनके प्रदर्शन करने पर रोक लगाई हुई है। केके पाठक लगातार जिलाधिकारियों से ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए पत्राचार कर रहे हैं. इसी बीच गत 13 फरवरी को नियोजित शिक्षक पटना में विधानसभा घेरा करने पहुंच गए थे। इसके बाद हंगामा हुआ तो नई सरकार भी हरकत में आती दिख रही है। अब इस मामले में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि नियोजित शिक्षक जिनके सरकारीकरण की प्रक्रिया चल रही है। उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी जो भी कठिनाई थी उसमे ऑनलाइन परीक्षा की समस्या थी। बहुत शिक्षक जो पुराने थे उन्हें इससे समस्या थी। लेकिन, अब ऑफलाइन परीक्षा की बात कर ली गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह से सरकार ने जो तीन परीक्षा ऑनलाइन हो रही है, उसके अलावा दो लिखित परीक्षा का मौका शिक्षकों को दिया जाएगा। अब नियोजित शिक्षकों को कुल पांच परीक्षा का मौका दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा, शिक्षा में सुधार स्पष्ट तौर पर दिख रहा है और देहाती क्षेत्र में भी यह साफ है। हमने नियोजित शिक्षकों को धैर्य रखने को कहा था, सरकार उनका ध्यान रखेगी। कुछ संगठनों ने आंदोलन को स्थगित भी किया। उनकी जो कठिनाइयां थीं, उसमें मुख्य रूप से सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन होने की बात थी। बहुत शिक्षकों को ऑनलाइन एग्जाम देने में दिक्कत थी, उनकी ऑफलाइन यानि लिखित परीक्षा की मांग थी। हमलोग ये निर्णय ले रहे हैं हो शिक्षक ऑनलाइन एग्जाम नहीं देना चाहते हैं उनका ख्याल रखते हुए, अभी जो 3 ऑनलाइन परीक्षा हो रही है, इसके अलावा दो ऑफलाइन परीक्षा भी लेंगे। इस तरह 5 अवसर उपलब्ध होंगे। हम शिक्षकों से अपील करते हैं कि आप अध्यापन में रूचि ले। बता दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानी बीएसईबी द्वारा सक्षमता परीक्षा 26 फरवरी 2024 से लेकर 13 मार्च 2024 तक आयोजित करने जा रही है। इसका उद्देश्य है बिहार में नियोजित शिक्षक की प्रतिभा की जां की जाए। बिहार सरकार द्वारा सक्षमता परीक्षा की घोषणा के बाद से ही इसका विरोध किया जा रहा है। कई शिक्षकों ने तो विरोध स्वरूप परीक्षा के लिए आवेदन भी नहीं दिया। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें नौकरी से बाहर निकालने की साजिश सरकार द्वारा की जा रही है।