बेतिया संपादकीय डेस्क से मोहन सिंह की रिपोर्ट :
जिम्मेदार अधिकारियों की नाक के नीचे किया जा रहा भ्रष्टाचार
रामपुर और मैनाटाँड़ पंचायत में एनएमएमएस पर बनाई जा रही फर्जी हाजरी
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए. एल. न्यूज़)। सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और जिरोटालरेंस की निति पर काम करने की बात कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पश्चिमी चंपारण जिले में कार्यरत जिम्मेदार अधिकारियों के चलते केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना जमीनी धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है।
गांव के मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कर मजदूरों को दूसरे प्रदेश में पलायन से रोकने के लिए चलाई जा रही मनरेगा योजना जिम्मेदारों के चलते भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई है। इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ताजा मामला पश्चिमी चंपारण जिले के।नेपाल सीमावर्ती मैनाटाँड़ प्रखंड का है। प्रखंड के मैनाटाँड़ और रामपुर पँचायत में मनरेगा योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जब इसकी जमीन स्तर पर पड़ताल की गई तो मनरेगा योजना में हो रही भ्रष्टाचार की कलई परत दर परत खुलकर सामने आने लगी।
जो, गांव में कभी साइड पर नहीं जाते हैं, उनके नाम से साइड पर कार्य करते हुए आनलाइन मास्टरोल में हाजिरी लगा दी जाती है। वही, ग्रामीण सूत्रों ने बताया कि मनरेगा जेई और पीआरएस औऱ जनप्रतिधि की मिली भगत से बिना साइड पर गए एमबी कर दी जाती हैं। मजदूरों के खाते में पैसे भेज कर निकलवा लिया जाता है। जिसमें दो चार सौ रुपए उन मजदूरों को पैसे दे दिए जाते है। जिनको मनरेगा मजदूर बनाया गया और वो कभी साइड पर नहीं जाते हैं।
एनएमएमएस पर बन रही 75 और 63 मजदूरों की हाज़री धरातल पर उपस्थिति शून्य :
विश्वसनीय सूत्रों की माने मैनाटाँड़ पँचायत में हाजमा टोला खेल मैदान के उत्तरी भाग में मिट्टी भराई योजना में हर रोज एनएमएमएस पर 75 मजदूरों क हाजरी बनाई जा रही है।
वहीं, रामपुर पँचायत में रामेश्वर गुरो के खेत से लेकर कुबेर सुबा के खेत तक पईन सफाई योजना में 63 मजदूरों की हर रोज हाजरी बनाई जा रही है लेकिन धरातल पर कार्य का पता नही है।
धुंधली, अस्पष्ट और पुरानी 1 या 2 फोटो से ही बनाई जा रही फर्जी हाजरी :
मनरेगा में फर्जी हाजरी में मैनाटाँड़ पँचायत मे हाजमा टोला खेल मैदान के उत्तरी भाग में मिट्टी भराई योजना में धुंधली, अस्पष्ट और पुरानी 2 फोटो को ही हर रोज बदलकर फर्जी हाजरी लगाई जा रही है। वहीं, रामपुर पँचायत में रामेश्वर गुरो के खेत से लेकर कुबेर सुबा के खेत तक पईन सफाई योजना में मात्र बिना कुदाल टोकरी वाली मात्र 5 महिला वाली 1 ही फोटो से 63 मजदूरों की हाजरी बनाई जा रही है।
मोबाइल मानरीटिंग सिस्टम से खुल रही भ्रष्टाचार की पोल :
वही ग्रामीण सूत्रों की माने तो अगर जिलास्तरीय अधिकारी किसी भी मनरेगा योजना से हुए पेमेंट का स्थलीय निरीक्षण कर जांच कर लें तो मनरेगा में हुए भ्रष्टाचार का पोल परत-दर-परत खुल जायेगी। मिट्टी कार्य में कब कितना दिन पहले कार्य हुआ, स्टीमेट के अनुसार कितने फिट मिट्टी की भराई या पईन सफाई हुई हैं। मेजरमेंट कर दिया जाए तो, उनके कारनामे सामने आ जाएगे। लेकिन, जिलास्तरीय अधिकारी भी मौन साधे हुए हैं, जिनके जिम्मे सरकार के योजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी है। अब देखना यह है की मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार कब तक रूकता हैं या इसी तरह भ्रष्टाचार बेलगाम ब सरकारी खजाने को खाली करता रहता है।