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Post: राजधानी पटना में हुई झमा-झम बारिश,आम लोगो ने ली राहत की सांस

राजधानी पटना में हुई झमा-झम बारिश,आम लोगो ने ली राहत की सांस

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

पटना के लगभग सभी हिस्सों और आसपास के जिलों में पानी की तेज बौछार से मौसम सुहाना हो गया

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। भीषण गर्मी और उमस से परेशान पटनावासियों के लिए शनिवार को राहत की बूंदें बरसी। तेज धूप और पसीने से तरबतर लोगों ने दोपहर बाद राहत की सांस ली जब पटना में झमाझम बारिश हुई।

फोटो : अमिट लेख

पटना के लगभग सभी हिस्सों और आसपास के जिलों में पानी की तेज बौछार से मौसम सुहाना हो गया। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार पटना के अलावा वैशाली, औरंगाबाद और नालंदा जिलों के कुछ भागों में शाम 6 बजे तक बारिश का अनुमान लगाया गया। इस दौरान कई जगहों पर मध्यम दर्जे की मेघ गर्जन और वज्रपात दखी गई।

मानसून का इतंजार कर रहे लोगों के लिए यह राहत की बारिस रही है। बिहार में इस वर्ष मानसून पूर्व की बारिश ना के बराबर हुई। वहीं मानसून एक प्रवेश के बाद भी अभी तक बारिश ने जोर नहीं पकड़ा है। वहीं गर्मी का सितम अपने चरम पर है. राज्य में इस वर्ष रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ी है।

अधिकांश जिलों में तापमान ने अपने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए है। वहीं पूरबा हवा के बहाव के कारण राज्य में उमस से लोगों का जीना मुहाल बना है। ऐसे में झमाझम बारिश ने एक साथ कई परेशानियों से लोगों को निजात दिलाने का काम किया है। मौसम विभाग के अनुसार पटना सहित राज्य में अगले कुछ दिनों तक बारिश का पूर्वानुमान है। अगले तीन से चार दिनों तक औसत हर दिन बारिश हो सकती है। इसके साथ ही तापमान में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। पिछले कई सप्ताह से लगातार 40 डिग्री से ज्यादा तापमान की वजह से झुलस रहे बिहारवासियों को अब गर्मी से राहत मिलेगी। तापमान में औसत 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तक कमी आने की सम्भावना है. ऐसे में तेज धुप और गर्मी से लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिस होने के पूर्वानुमान ने सबसे ज्यादा राहत किसानों को दी है। तेज बादल गर्जन और झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे खिल गये है। इस वर्ष अब तक ना के बराबर बारिश होने से धान की खेती के मशहूर बिहार के मध्य और दक्षिण बिहार के जिलों में अब तक धान की खेती के लिए खेत तैयार करने और बिचड़ा तैयार करने की कोई पहल नहीं हो पाई है। अब बारिश होने से धान और अन्य खरीफ फसलों की खेती का कम तेजी से आगे बढ़ सकता है।

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