बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह का चश्मा :
मैनाटांड़ के डमरापुर में मनरेगा योजना में पेवर ब्लॉक योजना की पुरानी फोटो के सहारे ईंट सोलिंग की योजना में दर्ज की जा रही फर्जी हाजिरी
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। पश्चिमी चंपारण जिले के मैनाटांड़ में मनरेगा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।जिम्मेदारो की खाऊ कमाऊ नीति के चलते मनरेगा योजना प्रखंड के डमरापुर और भंगहा पंचायत भ्रष्टाचार का शिकार हो गयी है।
फर्जी हाजिरी से शुरू हुआ खेल अब फर्जी भुगतान तक जा पहुचा है।असल मे दूसरी योजना की पुरानी फ़ोटो इस्तेमाल करके नई योजना में फर्जी हाजरी बनाई जा रही है।वही सूत्र बतातें हौ की इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह जो अभी तक सामने आयी कि काम न कराने की दशा में पीआरएस के द्वारा फोन में पड़ी पुरानी फ़ोटो को अपलोड किए गए जियोटैग वाले स्थान में जाकर फ़ोटो अपलोड कर देते जिससे कि बिना कार्य को कराये ही मानदेय अपलोड हो सके व मास्टररोल पूरे कर के भुगतान निकाला जा सके। वही बताया जाता है कि इस पूरे प्रकरण में कनीय अभियंता का अहम रोल होता है।मैनाटांड़ के डमरापुर गपंचायत में मनरेगा से एक कार्य संचालित किया जा रहा है। योजना का नाम
कौलापुर हनुमान मंदिर के दक्षिण दिशा में सार्वजनिक जमीन पर मिट्टी भराई एवँ ईंट सोलिंग योजना में दूसरी पुरानी योजना का फ़ोटो अपलोड कर 129 मजदूरों की फर्जी हाज़िरी दर्ज की जा रही है।
पेवर ब्लॉक वाली योजना के मजदूरों की पुरानी फोटो को लगा दिया ईंट सोलिंग योजना में :
डमरापुर में खुलेआन मनरेगा लूट का आलम यह है कि विगत 5/12/24 को पंचायत के भतौरा छठिया घाट के पास मिट्टी भराई एवं पेवर ब्लॉक की योजना में जिस फोटो को लगाकर दर्जनों मजदूरों की हाजरी बनाई गई थी फिर उसी फोटो को ही पंचायत की दूसरी योजना कौलापुर हनुमान मंदिर के दक्षिण दिशा में सार्वजनिक जमीन पर मिट्टी भराई एवँ ईंट सोलिंग योजना में 22/12/23,23/12/24 तथा 24/12/24 को अपलोड कर 129 मजदूरों की फर्जी हाजरी बनाई जा रही है।यानी 1 ही पुरानी फ़ोटो से पंचायत में अलग अलग योजनाओं में मजदूरों की फर्जी हाजरी बनाकर लाखों रुपये का भुगतान किया जा रहा है।
धरातल पर कार्य का पता कागज पर ही होता है काम : सूत्र
वहीं ग्रामीण सूत्रों की माने तो मैनाटांड़ प्रखंड के सबसे दूर इस पंचायत में मनरेगा योजना का काम कागज पर ही होता है।ग्रामीणों सूत्र के अनुसार जॉबकार्ड रहते हुए भी जरूरतमंद मजदूरों को रोजगार नही मिलता है जबकि जनप्रतिनिधियों के द्वारा अपने चहेतों का जॉबकार्ड लगाकर मनरेगाकर्मी की मिलीभगत से फर्जी हाजरी बनाकर लाखों की राशि का भुगतान किया जाता है।हालांकि पेवर ब्लॉक योजना की पुरानी फोटो को ईट सोलिंग की योजना में लगाकर बन रही फर्जी हाजरी भी इस बात की गवाही दे रही है की किंस तरह फर्जी हाजरी बनाकर लाखों रुपये का भुगतान किया जा रहा है।वही सूत्र बतातें है कि अगर जिलास्तरीय पदाधिकारियों द्वारा मैनाटांड़ प्रखंड के दर्जनों पंचायत का औचक निरीक्षण किया जाय तो फर्जी हाजरी पर लगातार हो रहे करोड़ो रूपये का भुगतान की कलई और खुलेआम मनरेगा लूट की पोल खुल सकती है।