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Post: जागरूकता से ही संभव है नशामुक्ति : मदर फाउंडेशन

जागरूकता से ही संभव है नशामुक्ति : मदर फाउंडेशन

छपरा से प्रमंडलीय ब्यूरो की कलम :

महमूदाबाद में मदर फाउंडेशन द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

न्यूज़ डेस्क, सारण खबर 

संवाददाता

– अमिट लेख
सीतापुर, (ए.एल.न्यूज़)। जवाहरलाल नेहरू पॉलिटेक्निक, महमूदाबाद में मदर फाउंडेशन द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

फोटो ; अमिट लेख

यह कार्यक्रम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान (एन.आई.एस.डी.) के तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों व समाज को नशीली दवाओं के खतरों से अवगत कराना तथा इससे बचाव के उपायों पर चर्चा करना रहा। इस दौरान विद्यार्थियों के बीच वाद-विवाद, प्रश्न मंच, चित्रकला, स्लोगन लेखन और गीतों के माध्यम से जागरूकता फैलाई गई। मदर फाउंडेशन की ओर से एपी सिंह ने कहा कि नशा एक गंभीर सामाजिक बीमारी बन चुकी है, जो युवाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है।

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उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज 15 वर्ष की आयु के बच्चे भी नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं, जो देश के भविष्य के लिए अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें नशे से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करें। कार्यक्रम के दौरान जवाहरलाल नेहरू पॉलिटेक्निक के प्रवक्ता धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार, समुदाय, शिक्षा संस्थान और विभिन्न सामाजिक संगठन मिलकर ही इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं।

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मदर फाउंडेशन के समन्वयक ने नशे के सामाजिक, मानसिक व शारीरिक दुष्परिणामों पर विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को खतरनाक बताते हुए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया। कार्यक्रम के अंत में हस्ताक्षर संदेश अभियान चलाया गया, जिसमें छात्रों, अध्यापकों व स्टाफ ने “नशा नहीं करने” की शपथ ली। इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने मदर फाउंडेशन व मंत्रालय का आभार जताया और भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई। कार्यक्रम ने छात्रों के बीच नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता का एक सशक्त संदेश छोड़ा।

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