



बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :
चुनावी साल में जनता को बहलाने की कोशिश कर रही है नीतीश सरकार : सुनील कुमार राव
2लाख की एकमुश्त सहायता वादा या चुनावी धोखा? के सिवाय कुछ नहीं : सत्यदेव राम
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। जन-जन की है एक पुकार ! बदलो सरकार-बदलो बिहार नारा के साथ भाकपा-माले का बदलो बिहार यात्रा मंगलपुर, मछरगावा, जगदीशपुर, नौतन, बैरिया में पहुच जन सभा का आयोजन किया गया।

बदलो बिहार यात्रा का नेतृत्व भाकपा-माले विधायक दल उपनेता सत्यदेव राम, जिरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा, सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, महिला नेत्री शोहिला गुप्ता, अखिल भारतीय किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव, भाकपा-माले बैरिया अंचल सचिव सह बैरिया मुखिया नवीन कुमार, नौतन प्रभारी सुरेन्द्र चौधरी, इंसाफ मंच जिला अध्यक्ष अखतर इमाम कर रहे हैं। छपरा-सिवान, गोपालगंज होते, बदलो बिहार यात्रा 6ठे दिन नौतन-बैरिया विधानसभा क्षेत्र के मंगलपुर ढाला पर भव्य स्वागत किया गया। मछरगावा- जगदीशपुर, नौतन में जन सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह विधायक दल उपनेता सत्यदेव राम ने राज्य के अतिनिर्धन 95 लाख परिवारों को 2 लाख रु. की सहायता अब एकमुश्त देने की घोषणा पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि क्या इसके लिए अब भी आय प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा? यदि हाँ, तो इस प्रक्रिया में इतना विलंब होता है कि तब तक चुनाव संपन्न हो जाएंगे। यह साफ संकेत है कि सरकार का मकसद मदद करना नहीं, बल्कि लोगों को भ्रमित करके वोट हासिल करना है। जिरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि बिहार की जनता पिछले 20 वर्षों के भाजपा-जदयू शासन के चरित्र को भली-भांति समझ चुकी है। अब वह किसी झांसे में नहीं आएगी, और इस बार इस जनविरोधी और धोखेबाज़ सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी। इंडिया गठबंधन नए बिहार के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि एनडीए सरकार दलित-पिछड़े-अति पिछड़े वर्ग की बहुसंख्यक के बावजूद 65 प्रतिशत आरक्षण पर अमल नहीं किया गया है, यह बदलो बिहार यात्रा एनडीए सरकार के को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका आदा करेगी।
स्किम वर्कर नेता सह रसोईया नेता शोहिला गुप्ता ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि बढ़ा हुआ मानदेय राज्य सरकार देगी या यह राशि जीविका समूहों पर ही डाल दी जाएगी। साथ ही आशा, आंगनबाड़ी और रसोइया कार्यकर्ताओं के लिए सरकार की ओर से कोई घोषणा न होना भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि सरकार न्यूनतम मज़दूरी के आधार पर ही मानदेय निर्धारित करे, तो यह राशि कम-से-कम 16000 रु. प्रति माह होनी चाहिए।
भाकपा-माले बैरिया अंचल सचिव नवीन कुमार ने कहा कि बीते 20 वर्षों में भाजपा-जदयू की सरकार ने बिहार को केवल सस्ते श्रम का ज़ोन बना दिया है। राज्य से बाहर काम करने जाने वाले मज़दूरों को हमेशा उपेक्षा और अपमान झेलना पड़ा है, और कोरोना काल में जो पीड़ा प्रवासी मज़दूरों ने झेली, उसे बिहार की जनता कभी भूल नहीं सकती, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का भाषण घिसा-पिटा और झूठ का पुलिंदा है। इनके अलावा भाकपा-माले नेता सुरेन्द्र चौधरी, विनोद कुशवाहा, ठाकुर साहब, अशोक महतो, मुज मिल मियां, योगेन्द्र चौधरी, पिन्टू बर्मन, सुरेन्द्र साह, धर्मेन्द्र प्रसाद आदि नेताओं ने भी जगह जगह सभा को सम्बोधित किया।