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Post: पत्रकार को पितृ शोक, मृत शरीर के पैरों में घंटो बैठा रहा एक लंगूर 

पत्रकार को पितृ शोक, मृत शरीर के पैरों में घंटो बैठा रहा एक लंगूर 

जानकारी के अनुसार दिवंगत पटेल नित्य एक लंगूर को एक रोटी का निवाला देते थे

इधर पिछले एक सप्ताह से लंगूर गायब था। परन्तु श्री पटेल के दिवंगत होते हीं वह लंगूर आवास के मुख्य द्वार पर आकर बैठ गया

कुछ क्षण बाद लंगूर सीधे स्वर्गीय पटेल के बेड पर पहुँच उनके पैरों के पास बैठ गया

एक सौ से अधिक बसंत देखें थे, पत्रकार के वयो वृद्ध पिता 

✍️ जगमोहन काज़ी, संवाददाता
– अमिट लेख
हरनाटांड, (बगहा-ग्रामीण)। अमिट लेख के इंडो-नेपाल सीमा वाल्मीकिनगर के पत्रकार नन्दलाल पटेल के पिताजी हीरामन पटेल उम्र सौ वर्ष पार की आज अपराह्न सवा तीन बजे आकस्मिक मौत हो गई। इस घटना से जहाँ समूल परिवार शोक संतप्त था, वहीं एक विशेष घटना ने सबका ध्यान एक लंगूर पर आकृष्ट करा दिया।

जानकारी के अनुसार दिवंगत पटेल नित्य एक लंगूर को एक रोटी का निवाला देते थे। इधर पिछले एक सप्ताह से लंगूर गायब था। परन्तु श्री पटेल के दिवंगत होते हीं वह लंगूर आवास के मुख्य द्वार पर आकर बैठ गया। कुछ क्षण बाद लंगूर सीधे स्वर्गीय पटेल के बेड पर पहुँच उनके पैरों के पास बैठ गया। पारिवारिक जन हालांकि इस लंगूर से परिचित भले थे परन्तु उससे डरते भी थे। लिहाजा बहुत देर तक सबने लंगूर को स्वतः निकलने का इंतज़ार करने लगे। करीब डेढ़ घंटा तक जब लंगूर कमरे से बाहर होने के मूड में नहीं दिखा तो पारिवारिक जन हिम्मत कर कमरे में दाखिल हुये। चुकी, स्वर्गीय पटेल लंगूर के लिए नित्य एक रोटी अपने कमरे में रखे सिर के पास के अटैची में रखते थे। अतः पारिवारिक जनों ने सोंचा की कहीं लंगूर रोटी की उम्मीद से तो नहीं बैठा है, इसलिए जब लोगों ने अटैची खोला तो उसमें लगभग दर्ज़न भर सूखी रोटियां पड़ी मिली। शायद पिछले कई दिनों से लंगूर रोटी खाने नहीं आया था। लोगों ने अटैची से जब रोटियों को निकाल लंगूर को दिया तब भी, मूक पशु निश्छल भाव से श्री पटेल के पैरों के पास हीं बैठा रहा। रोटी उसने छुआ तक नहीं। इस कौतुहल ने पास पड़ोस के सभी लोगों को हतप्रभ कर दिया। लगभग दो घंटे के बाद लंगूर स्वतः उदास मुंह किये कमरे से बाहर हुआ। तब जाकर पारिवारिक जन दिवंगत श्री पटेल के शव को घर से बाहर कर अन्य क्रिया में जूट पाये। दिवंगत श्री पटेल अपने पीछे पांच पुत्र और तीन पुत्रीयों का भरा पूरा परिवार छोड़ कर दुनिया से अलविदा हुये हैँ। जानकारी के मुताबिक, उनकी संतानों में से एक ज्येष्ठ पुत्र और एक पुत्री उनके जीवल कल में हीं स्वर्ग सिधार चुके हैँ। बहरहाल अमिट लेख परिवार अपने पत्रकार के पितृ शोक में शामिल हो गहरी संवेदना व्यक्त करते हुये दिवंगत आत्मा की शांति हेतु परम पिता परमेश्वर से निरंतर कामना करता है।

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