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Post: बंदियों को पेरोल का मिले लाभ, पुलिस केवल सजा दिलाने के प्रेशर में न करें काम : निरीक्षी जज

बंदियों को पेरोल का मिले लाभ, पुलिस केवल सजा दिलाने के प्रेशर में न करें काम : निरीक्षी जज

पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सह बांका कोर्ट के निरीक्षी न्यायाधीश ने मंडल कारा का किया निरीक्षण, बंदियों के भजन-कीर्तन को सुनकर हुए मंत्रमुग्ध

– बांका से अनुप कुमार की रिपोर्ट
बांका, (अमिट लेख)। पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सह बांका कोर्ट के निरीक्षी न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने शनिवार को मंडल कारा बांका का निरीक्षण किया है। उन्होंने इस दौरान सभी बंदी वार्ड, महिला वार्ड, अस्पताल वार्ड, खेल मैदान सहित अन्य परिसरों का निरीक्षण किया। निरीक्षी न्यायाधीश के साथ जिला जज कृष्णकांत त्रिपाठी, डीएम अंशुल कुमार, एसपी डॉक्टर सत्यप्रकाश, एडीजे सह डालसा सचिव प्रभाकर झा, एसडीओ डॉक्टर प्रीति, जेल अधीक्षक सुजीत कुमार राय, एसडीपीओ बिपिन बिहारी, प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी राजीव कुमार, अभय कुमार सहित अन्य प्रमुख रुप से मौजूद थे। निरीक्षी न्यायाधीश ने सजावार बंदी से बातचीत की। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी सजावार बंदी को पेरोल की सुविधा दी जाए। बंदी के सभी मौलिक अधिकार की पूर्ति होनी चाहिए। कहा कि उन्होंने अपने न्यायिक सेवा में पेरोल की जरुरत को महसूस किया है।

अपने एक फैसले का भी जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके समक्ष एक ऐसे मामले आए जहां बंदी की पत्नी ने संतान जनने के लिए पति को छोड़ने की अपील की। काननू का सघन अध्ययन व व्यवहारिक पक्ष को देखते हुए उन्होंने पेरोल दिया। निश्चित रुप से हमें मानवीय पक्ष की रक्षा करनी है। हमारे देश का संविधान इतना अच्छा है कि यह हर मायने में सभी के लिए उपयोगी है। इसके बाद उन्होंने सभी बंदी वार्ड में जाकर बंदी को मिलने वाली सुविधा, खाना, दवा, मुलाकाती आदि की विस्तृत जानकारी ली। साथ ही जिन्हें भी सरकारी वकील की आवश्यकता हो उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने मौके पर जेल प्रशासन से नियमित व स्थायी रुप से कौशल विकास के कार्यक्रम संचालित कराने का निर्देश दिया। साथ ही खेलकूद व अन्य गतिविधियों से जोड़ने पर संतुष्टि महसूस की। वहीं निरीक्षी न्यायाधीश जब बंदियों से मिलने आए तो इस दौरान बंदियों द्वारा उनका फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। उसके बाद पुस्तकालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। निरीक्षी न्यायाधीश सहित अन्य अधिकारियों ने बंदियों के प्रस्तुत भजन-कीर्तन का जमकर आनंद लिया। निरीक्षी न्यायाधीश बंदियों के भजन से काफी मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने कहा कि आप सभी बंदी कितना मधुर गाते हैं और कितने बेहतरीन ढंग से वाद्य यंत्र बजाते हैं, इसलिए उनकी शुभकामनाएं है कि वे सभी यहां से सीख लेकर निकलें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ते हुए अपने परिवार के साथ जीवन गुजर-बसर करें। निरीक्षी न्यायाधीश ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि निर्दोष भी जेल में आ जाते हैं। पुलिस केवल सजा दिलाने के प्रेशर में काम न करें बल्कि अपना पर्यवेक्षण एवं अनुसंधान को पूरे मन से करें ताकि निर्दोष को भी बचाना पुलिस के अनुसंधान का ही जरुरी हिस्सा है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई बंदियों की समस्या सुनते हुए एसपी और न्यायिक अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए।

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