स्थानीय अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में डब्ल्यूएचओ का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यतः पोलियो और खसरा,रूबेला बीमारी के बारे में गहन चर्चा किया गया
नंदलाल पटेल
– अमिट लेख
वाल्मीकिनगर, (संवाददाता)। स्थानीय अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में डब्ल्यूएचओ का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यतः पोलियो और खसरा, रूबेला बीमारी के बारे में गहन चर्चा किया गया।
एसएमओ डॉ. सत्यासिलन भास्कर ने कार्यशाला में पहुंच स्वास्थ्यकर्मियों को बताया कि एएफपी क्या है उन्होंने आगे कहा कि एएफपी यानी ए-एक्टिव यानी तीव्र गति से होना, एफ यानी फ्लैक्सीड यानी लुंजपुंज होना, पी यानी परलायसिस यानी लकवा,पक्षाघात होना। इसकी पहचान कैसे करें और इसको लक्षण क्या हैं। बतादें की वर्ष 2014 मे भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया गया है। लेकिन अभी भी पड़ोसी देश और अफ्रिकन कंट्री में पोलियो का संक्रमण जारी है। खसरा अभी भी हमारे देश मे ब्याप्त है जिसे 2023 तक विलोपित करने का लक्ष्य भारत सरकार ने रखा है । जिसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्यशाला में एसएमओ डॉ सत्यासिलन भास्कर, स्वास्थ्यकर्मी परिचारी मनीष कुमार सिंह, डॉ अनुज कुमार समेत कई स्वास्थ्यकर्मी शामिल रहे ।