विभिन्न छठ घाटों पर उगते हुए भगवान भास्कर को छठ व्रतियों द्वारा अर्घ्य सामग्री अर्पित किया गया
संवाददाता
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एकमा/सारण। चैती छठ व्रत के दौरान पारंपरिक छठ लोक गीतों के सामूहिक सुमधुर स्वर में गायन के बीच मंगलवार की अहले सुबह नगर पंचायत एकमा बाजार सहित ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न छठ घाटों पर उगते हुए भगवान भास्कर को छठ व्रतियों द्वारा अर्घ्य सामग्री अर्पित किया गया। वहीं छठ व्रतियों द्वारा घर पहुंच कर अन्न जल व प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही चार दिवसीय छठ व्रत का समापन हुआ। इस दौरान सूर्य देवता एवं उनकी बहन छठी माता से छठ व्रतियों ने अपने परिवार के लिए निरोगी काया, सुख-समृद्धि व दीर्घायु होने की कामना की। इसके बाद छठ घाटों से घर लौटकर छठ व्रतियों की ओर से छठ व्रत के पारंपरिक प्रसाद स्वयं एवं परिजनों को ग्रहण कराने के साथ ही पारण की रस्म पूरी की। एकमा प्रखंड मुख्यालय स्थित शिव मंदिर परिसर स्थित कृत्रिम छठ घाट पर पुजारी पं. नागेन्द्र मिश्रा के द्वारा छठ व्रतियों को सुबह पारंपरिक तरीके से उदयीयमान भगवान भास्कर को श्रद्धापूर्वक अर्घ्य अर्पित कराया गया। यहां छठ व्रतियों को समाजसेवी राजकुमार सिंह उर्फ कमल सिंह, देवेंद्र तिवारी, संजय कुमार तिवारी, शिक्षक बबलू गुप्ता, लखन लाल प्रसाद, विजय शंकर प्रसाद, छविनाथ मांझी, उमाशंकर प्रसाद, रुचि सिंह आदि ने सहयोग किया। वहीं राजापुर, एकमा पश्चिमी रेलवे क्रॉसिंग के समीप स्थित मौज बाबा के मठिया परिसर स्थित पोखरा तट, भटटोली, गंजपर पोखरा, से काम, भरहोपुर के पोखरा, नचाप गांव के बोहटा नदी तट, मोन जलाशय, धनौती, परसागढ़ के अलावा सीमावर्ती बरवां गांव स्थित सुखाड़ीनाथ मंदिर परिसर में चैती छठ पूजा पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मंगलवार की सुबह छठ घाटों पर छठ व्रतियों ने प्रातः काल पूरब दिशा में जैसे ही आसमान में सूर्योदय की लालिमा दिखाई दी। भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने का सिलसिला शुरु हो गया। बांस व पीतल की बनी सूप में अर्घ्य सामग्रियों को रखकर श्रद्धापूर्वक छठ व्रतियों ने उदयीमान भगवान भास्कर को श्रद्धापूर्वक अर्घ्य अर्पित किया गया।