महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ रविवार को राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन में शामिल होने मोतीहारी पहुंचे
न्यूज़ डेस्क, मोतिहारी ब्यूरो
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
मोतिहारी, (जिला ब्यूरो)। महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ रविवार को राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन में शामिल होने मोतीहारी पहुंचे। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए महामहिम आर्लेकर ने कहा कि हमें गारंटीड पावर्टी नहीं, रिस्की प्रोस्पेरिटी चाहिए। इसका मतलब बताते हुए उन्होंने कहा कि, ‘यह वो होती है जिसमें हम नौकरी करते हैं। नौकरी में हमें हर महीने एक निश्चित वेतन पाते हैं। इसे गारंटेड पावर्टी कहते हैं। हमें रिस्की प्रासपरिटी चाहिए। हम लोग जोखिम उठाकर प्रगति कर रहे हैं। राज्यपाल आर्लेकर ने आगे कहा कि हम खेती में काम कर रहे हैं, जितना हम वहां परिश्रम करेंगे, जितना पसीना बहाएंगे। उतनी ही हमारी आय बढ़ेगी। इसे रिस्की प्रासपरिटी कहते हैं। हम रिस्क लेने के लिए तैयार हैं, इस भावना से हम इसे देखेंगे। प्राकृतिक खेती को अपनाएंगे तो हमारी आमदनी निश्चित रूप से दोगुनी होगी। साथ ही हम अपनी मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बनाए रखने में सक्षम होंगे। राज्यपाल ने किसान की आय को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा किसान तब संतुष्ट होंगे जब उनकी आय दोगुनी हो जाएगी। इसके लिए हमें प्रयास करना हैं। सबको मिलकर करना है। केवल कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक और विशेषज्ञों का प्रयास या फिर स्थानीय सांसद व विधायक का प्रयास नहीं, बल्कि इसके लिए हम सभी किसानों को साथ मिलकर प्रयास करना होगा। हम सभी किसान मिलकर सोचेंगे कि हमको प्राकृतिक खेती की ओर जाना है और जाएंगे, तभी जाकर किसान समृद्ध होंगे और आमदनी दोगुनी होगी।राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन जिले के राजा बाजार स्थित गांधी सभागार में कृषि प्राद्यौगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पटना और कृषि विज्ञान केंद्र पीपराकोठी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह, मोतिहारी के विधायक प्रमोद कुमार समेत कई कृषि विज्ञानियों और जनप्रतिनिधि शामिल हुए।