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Post: शिक्षा विभाग ने बीईओ के पद को किया समाप्त, अब एईडीओ होंगे नियुक्त

शिक्षा विभाग ने बीईओ के पद को किया समाप्त, अब एईडीओ होंगे नियुक्त

विशेष ब्यूरो बिहार की रिपोर्ट :

शिक्षा विभाग का बड़ा आदेश! बिहार में प्रखंड स्तर पर शिक्षा पदाधिकारी का पद हो जाएगा खत्म, जानें क्या है पूरा मामला

न्यूज़ डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख

पटना, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार शिक्षा विभाग ने जिलों में शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए नई प्लानिंग की है। जिसमें बहुत बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। इस बदलाव की शुरूआत प्रखंड स्तरों पर होगी, जहां शिक्षा विभाग ने बीईओ(प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी) के पद को समाप्त करने से होगी। शिक्षा विभाग में इनकी जगह सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारियों (एईडीओ) की नियुक्ति होगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली, 2025 को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इसके आलोक में सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारियों के पद सृजित किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा की बेहतरी के लिए नया ढांचा तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली, 2025 के क्रियान्वयन को लेकर सारी तैयारियों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया है, ताकि स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता की समूचित निगरानी के लिए नया तंत्र तैयार किया जा सके। साथ ही जल्द से जल्द सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारियों के पदों के सृजन और नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जा सके। अब नये नियुक्त होने वाले एईडीओ को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। नई व्यवस्था में एईडीओ ही स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के प्रति जवाबदेह होंगे। इनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें प्रोन्नति देकर शिक्षा विकास पदाधिकारी बनाया जाएगा। बिहार में यह भी विडंबना है कि शिक्षा विभाग में बीईओ के पद पर 1991 के बाद से सीधी नियुक्ति नहीं की गई है। उस समय जिनकी नियुक्ति हुई, उनमें कई रिटायर हो गए। शिक्षा विभाग के नियमों में बीईओ के लिए 50 परसेंट सीटों पर सीधी भर्ती और 50 परसेंट सीट पर राजकीय बुनियादी विद्यालयों के निम्न शिक्षा सेवा संवर्ग के शिक्षकों की प्रोन्नति से भरने की व्यवस्था रही है।अब स्थिति यह है कि 34 साल से सीधी नियुक्ति नहीं हुई, वहीं दूसरी तरफ बुनियादी विद्यालयों में भी निम्न शिक्षा सेवा संवर्ग के शिक्षक सेवानिवृत्त होते गए। नतीजा, वर्तमान में राज्य के सभी 534 प्रखंडों में से 50 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। फिलहाल, एक बीईओ पर दूसरे प्रखंडों का भी प्रभार है। अब शिक्षा विभाग ने इस पद को ही समाप्त करने का फैसला लिया है।

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