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Post: सेविकाओं ने प्रखंड कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी किया

सेविकाओं ने प्रखंड कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी किया

बिहार राज्य आंगनबाड़ी संघर्ष समिति के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को प्रखंड परिसर में प्रदर्शन किया

न्यूज़ डेस्क, सुपौल ब्यूरो 

मिथिलेश कुमार झा, अनुमंडल ब्यूरो

–  अमिट लेख

वीरपुर, (सुपौल)। बिहार राज्य आंगनबाड़ी संघर्ष समिति के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को प्रखंड परिसर में प्रदर्शन किया। ये लगातार 29 सितंबर से आंदोलनरत हैं।प्रखंड के बाल विकास कार्यालय के सामने जमकर नारेबाजी और धरना प्रदर्शन किया गया। इनकी मांग है कि सरकारी कर्मचारी के दर्जा और मानदेय में बढ़ोत्तरी किया जाए। बिहार में महागठबंधन ने घोषणा-पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय को दुगना करने का वादा किया था। तेजस्वी यादव ने लगभग अधिकांश चुनावी सभाओं में आश्वासन दिया था। सेविकाओं ने बताया कि अगर हमारी मांगे को पूरा नही किया जाएगा तो ऐसी स्थिति में संघर्ष समिति को विवश होकर हड़ताल को जारी रखे रहेंगे। इस दौरान आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों को प्रशासन और सरकार के सामने रखा। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वे लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। बिहार सरकार की ओर से अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि 10 हजार रुपए सुनिश्चित की जाए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश के आलोक में बिहार में भी ग्रेच्युटी भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए। केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए ग्रेड सी और ग्रेड डी में समायोजित किया जाए। जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता है, तब तक सेविकाओं को 25000 और सहायिकाओं को 18,000 प्रतिमाह मानदेय राशि दी जाए। योग्य सहायिका से सेविका में बहाली हेतु अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने के प्रावधान को लागू किया जाए। सेविका से पर्यवेक्षिका और सेविका सहायिका के रिक्त सभी पदों पर अविलंब बहाली सुनिश्चित की जाए। 16 मई 2017 और 20 जुलाई 2022 के समझौते के आलोक में लंबित मांगों को लागू किया जाना चाहिए। मौके पर प्रेमलता कुमारी, रंभा कुमारी, नर्मता भारती, सुनीता रस्तोगी, सुनीता देवी, गीता देवी, वंदना देवी, पुष्पा कुमारी, रीता कुमारी, उर्मिला देवी,चण्डिका देवी, इंद्रा देवी,विमला कुमारी,सुमन देवी,ललिता देवी,पूनम देवी आदि सेकड़ो की संख्या में सेविका और सहायिका मैजूद थी।

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