हमारे विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
बिहार समेत देशभर के प्रतिनिधि होंगे शामिल
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (विशेष ब्यूरो)। राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या में आस्था और धार्मिक पर्यटन के साथ ही व्यापार और विज्ञान के पर्यटन के संगम के रूप में भी बढ़ रहा है। विट्रेओ रेटिनल सोसायटी ऑफ बिहार (वीआरएसबी) 5 अप्रैल से तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन अयोध्या में आयोजित करने जा रही है। खास बात यह है कि इस सम्मेलन के लिए प्रतिनिधियों ने भारी संख्या में बुकिंग की है। आयोजकों के मुताबिक इस सम्मेलन में बिहार समेत देशभर से नेत्र विशेषज्ञ शामिल होंगे। आयोजकों ने पटना में शनिवार को बताया कि इस सम्मेलन उन्हें महज 24 घंटे के भीतर रजिस्ट्रेन विंडो बंद करनी पड़ी। क्योंकि इसके लिए उपलब्ध 100 सीटें एक दिन में ही भर गईं। वीआरएसबी की सचिव डॉ. पूजा सिन्हा ने बताया कि हमारे पास जितने प्रतिनिधियों के लिए जगह थी, उससे दोगुने से ज्यादा डॉक्टर पहले ही रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इसके अलावा कई एप्लीकेशन लंबित हैं। साथ ही देश भर से अभी कई डॉक्टरों के आवेदन आ रहे हैं। अयोध्या में सम्मेलन के लिए सबसे अधिक बिहार के 125, फिर कर्नाटक और महाराष्ट्र नेत्र चिकित्सक पहले ही रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। यूपी सरकार द्वारा पिछले दिसंबर में राम मंदिर की पूरी 84 कोसी परिक्रमा को शराब प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया। इस आदेश के बाद अयोध्या में कुल 410 शराब की दुकानों में से 180 ठेके बंद हो गई। इसके अलावा 84 कोसी परिक्रमा के दायरे में आने वाले पांच जिलों- बारांबकी, अंबेडकरनगर, बस्ती, गोंडा और अयोध्या में भी इसका असर देखा गया है। डॉ. सिन्हा के मुताबिक उन्होंने वीआरएसबी के सम्मेलन के लिए 100 प्रतिनिधियों के रजिस्ट्रेशन का प्लान बनाया था। क्योंकि अयोध्या में भोजन और आवास के लिए अभी सीमित व्यवस्था है। होटल रेडिसन में यह सम्मेलन होना है जिसमें अधिकतम 50 कमरे हैं। उन्होंने कहा कि ओवरबुकिंग होने के चलते अब उन्हें वैकल्पिक विकल्पों की तलाश करनी होगी। उनके सामने चुनौती है क्योंकि अयोध्या में हाई क्लास होटलों की संख्या बहुत सीमित हैं। वीआरएसबी ने अपने सदस्यों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 7500 रुपये रखी है। वहीं, गैर सदस्यों के लिए यह शुल्क 12500 रुपये है। अगर कोई डॉक्टर अपने पति या पत्नी को भी साथ लाता है तो उसे 5500 रुपये, 12 साल से ऊपर के बच्चे के लिए 5500 रुपये और 5 से 12 साल तक के बच्चे के लिए 3500 रुपये का भुगतान करना होगा। अधिकतर डॉक्टर यह शुल्क देने के लिए तैयार हैं, क्योंकि सम्मेलन का स्थल अयोध्या रखा गया है। सम्मेलन में शामिल होने के बहाने वे राम मंदिर के दर्शन भी कर लेंगे। डॉ. सिन्हा ने कहा कि कुछ डॉक्टर अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करके अपने माता और पिता भी अयोध्या साथ ले जाने को तैयार हैं। विट्रेओ रेटिनल सोसाइटी ऑफ बिहार की स्थापना 7 साल पहले हुई थी। ऐसा पहली बार हुआ है कि इसके राज्य स्तरीय वार्षिक सम्मेलन में जरूरत से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए हैं। पिछले साल, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में यह सम्मेलन आयोजित किया गया था। उसमें 90 प्रतिनिधियों ने ही पंजीकरण कराया था। 5 अप्रैल से अयोध्या में होने वाले इस सम्मेलन में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे एवं वीआरएसबी के मुख्य संरक्षक डॉ. राज्यवर्धन आजाद भी मौजूद रहेंगे। आजाद बिहार विधान परिषद में जेडीयू के एमएलसी हैं और दिल्ली एम्स के राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र के प्रमुख रह चुके हैं। डॉ. आजाद ने कहा कि हमारी काम और राजनीतिक व्यस्तता के बावजूद सभी अयोध्या जाने के लिए बहुत उत्साहित हैं। अयोध्या अब राष्ट्र मंदिर बन गया है और सभी इस ट्रिप का इंतजार कर रहे हैं। वीआरएसबी के अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र प्रसाद ने कहा कि पहले यह सम्मेलन नेपाल के पोखरा में आयोजित करने की योजना बना रहे थे। मगर अधिकतर सदस्यों ने इसके लिए हामी नहीं भरी। क्योंकि पटना से पोखरा की सीधी हवाई कनेक्टिविटी नहीं है। उन्हें दिल्ली और काठमांडू होकर पोखरा जाना पड़ता। जैसे ही अयोध्या को कार्यक्रम स्थल के रूप में तय किया, एक ही दिन में हमारी बुकिंग फुल हो गई। हमें अपना पंजीकरण बंद करना पड़ा। अब देखते हैं कि कितने प्रतिनिधियों को इस सम्मेलन में शामिल कर सकते हैं। बता दें कि पटना से अयोध्या के बीच एकमात्र सीधी फ्लाइट है। बजट वाहक स्पाइसजेट ने 1 फरवरी से सप्ताह में चार दिन 90 सीटों वाला विमान (क्यू-400) चला रहा है। हालांकि, विंटर शेड्यूल (31 मार्च तक) में इस फ्लाइट में बुकिंग फुल हो चुकी है। अब समर शेड्यूल में यह फ्लाइट जारी रहती है या नहीं, यह बाद में पता चलेगा। ऐसे में डॉक्टरों के लिए पटना से अयोध्या की यात्रा आसान नहीं होगी। फिर भी वे यहां जाने के लिए उत्साहित है। बताया जा रहा है कि पटना से सभी डॉक्टर वैशाली जिले के हाजीपुर तक 30 किलोमीटर की यात्रा 15-19 सीटर टेम्पो ट्रैवलर से करेंगे। इसके बाद 4 अप्रैल की रात में उन्हें बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस में बैठाया जाएगा। लगभग 12 घंटे की ट्रेन यात्रा के बाद वे लखनऊ उतरेंगे। वहां से अयोध्या के लिए होटल रेडिसन तक उन्हें फिर से टेंपो ट्रैवलर्स के जरिए पहुंचाया जाएगा।