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Post: पश्चिम चंपारण में एनडीए के लिए डगर कठिन है पनघट की

पश्चिम चंपारण में एनडीए के लिए डगर कठिन है पनघट की

बेतिया संपादकीय डेस्क से मोहन सिंह कि रिपोर्ट :

इस बार एनडीए के लिए पश्चिम चंपारण जिला में”डगर कठिन है पनघट की” युक्ति सत्य नजर आ रही है

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण

मोहन सिंह, उप संपादक

– अमिट लेख

बेतिया, (बेतिया डेस्क)। इस बार एनडीए के लिए पश्चिम चंपारण जिला में”डगर कठिन है पनघट की” युक्ति सत्य नजर आ रही है। क्योंकि एनडीए के वाल्मीकिनगर एवं पश्चिमी चंपारण संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवारों को मतदाताओं की भारी आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। राजनीति विश्लेषकों की माने तो दोनों उम्मीदवारों के कुछ पार्टी कार्यकर्ता भी क्षुब्ध नजर आ रहे हैं। इस स्थिति में भीतरघात का सामना भी करना पड़ सकता है। वही पश्चिम चंपारण जिला के मतदाताओं में चुनाव के प्रति कोई खास उत्सुकता दिखाई नहीं दे रही है, जिसके कारण पर्याप्त पोलिंग की संभावना कम दिखाई दे रही है।हालांकि जिला प्रशासन दिन रात वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए दिन रात जागरूकता अभियान चला रहा है।ऐसी स्थिति में इनका भविष्य वोट पोलिंग पर निर्भर करता है। इतना ही नहीं पहले की अपेक्षा भाजपा एवं जदयू के पास सशक्त पार्टी संगठन का अभाव भी दिखाई दे रहा है। लेकिन मतदाताओं में राष्ट्र प्रेम तथा मोदी प्रेम के कारण ही इनकी नैया पार लग सकती है।अब सवाल उठता है कि ऐसी स्थिति में ऊंट किस करवट बैठेगा इसका सही अंदाजा लगाना काफी मुश्किल लग रहा है।वही इस बार मतदाताओं की चुप्पी भी प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा रहा है।

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