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Post: सूबे के तीन सौ स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की सुविधा जल्द मुहैया करेगी बिहार सरकार

सूबे के तीन सौ स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की सुविधा जल्द मुहैया करेगी बिहार सरकार

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

प्रदूषण मुक्त ई गाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए बिहार सरकार बड़ा काम कर रही है
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ब्यूरो न्यूज़)। बिहार में अगर आप इलेक्ट्रिक कार या स्कूटी की सवारी करते हैं तो चार्ज करने की चिंता मत कीजिए। प्रदूषण मुक्त ई-गाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए बिहार सरकार बड़ा काम कर रही है। सूबे में 300 स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की सुविधा जल्द लोगों को मिलने वाली है। परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। चरणबद्ध तरीके से विभिन्न सड़कों, एनएच, पेट्रोल पंप, बस स्टैंड, स्कूल-कॉलेज, कार्यालय आदि जगहों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये जाएंगे। इस समय विभिन्न पेट्रोल पंप और अन्य जगहों पर 300 से अधिक ईवी चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध है। राज्य में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुधवार को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में सरकारी गैर सरकारी स्टेक होल्डर्स डिपार्टमेंट के प्रतिनिधि, ऑयल कंपनी, ईवी डीलर्स और दूसरे राज्यों से आये चार्जिंग इंफ्रा ऑर्गनाइजेशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विभिन्न स्टेक होल्डर्स एवं अन्य कंपनियों के प्रतिनिधियों ने स्टेशन स्थापित करने का आश्वासन दिया। मौके पर पटना नगर आयुक्त अनिमेष पराशर, राज्य परिवहन आयुक्त विशाल राज, अपर सचिव प्रवीण कुमार, बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के प्रशासक अभय झा, संयुक्त सचिव हेमंत कुमार आदि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इलेक्ट्रिक कार की सवारी करते हैं। इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पिछले दिनों इलेक्ट्रिक कारों की खरीद सरकार के स्तर पर की गयी। नीतीश कुमार ने अपील किया कि ज्यादा से लोग इलेक्ट्रिक कार का उपयोग करें ताकि पेट्रोल डीजल पर निर्भरता कम हो और प्रदूषण स्तर में सुधार हो। बिहार के कई शहरों में सर्दी के दिनों में हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है जो गंभीर चिंता का विषय है। प्रदूषण में सबसे ज्यादा भागीदारी डीजल से चलने वाली गाड़ियों की होती है।

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