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Post: मुहर्रम में तजिया जुलूस, ढोल-शहनाई एवं पारंपरिक हथियार लेकर हुड़दंग नही होना चाहिए : अमन अख्तर

मुहर्रम में तजिया जुलूस, ढोल-शहनाई एवं पारंपरिक हथियार लेकर हुड़दंग नही होना चाहिए : अमन अख्तर

जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :

उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब को दो नाती थे, जिसमें हजरत हसन को जहर दिया गया था

दूसरा हजरत हुसैन कर्बला के मैदान में जंग के दौरान शहीद हुआ था

न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल 

संतोष कुमार

– अमिट लेख

सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। जिले के त्रिवेणीगंज नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर चार निवासी अमन अख्तर ने बताया कि मुहर्रम के महीना का नौ तारीख एवं दस तारीख इसमें रोजा रखना चाहिए, उस अवधि में अपना समय इबादत में गुजारना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब को दो नाती थे। जिसमें हजरत हसन को जहर दिया गया था। दूसरा हजरत हुसैन कर्बला के मैदान में जंग के दौरान शहीद हुआ था। इसलिए मुहर्रम पर्व -कुरान पढ़ना चाहिए साथ ही रोजा के दौरान नवाज भी पढ़ना चाहिए, नही कि तजिया बनाकर जुलूस, ढोल-शहनाई एवं पारंपरिक हथियार लाठी, तलवार व भाला लेकर हुड़दंग होना चाहिए।

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