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Post: हाथी का दाँत बना सौर ऊर्जा चालित मिनी जलापूर्ति योजना

हाथी का दाँत बना सौर ऊर्जा चालित मिनी जलापूर्ति योजना

जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट : 

“राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत लगाया गया सौर ऊर्जा चालित मिनी जलापूर्ति योजना अधिकारियों की लापरवाही के उद्देश्य से नही कर रहा पूर्ति”

न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल 

संतोष कुमार

– अमिट लेख

सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल क्षेत्र राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के गजहर में लगाया गया सौर ऊर्जा चालित मिनी जलापूर्ति योजना अधिकारियों की लापरवाही के उद्देश्य से पूर्ति नही कर रहा। सत्ताईस नवम्बर 2014 को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था। वर्ष 2017 तक संयंत्र से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाती रही। लेकिन चार वर्ष बाद संयंत्र बंद हो गया जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोग योजना के लाभ से वंचित हो गए। संयंत्र के लिए नियुक्त संवाहक के मुताबिक उन्हें जो बतौर मेहनताना राशि मिलती थी अचानक बंद कर दी गई ऐसे में कोई भी संवाहक कैसे कार्य करेगा।वही स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सात निश्चय योजना के तहत हर घर नलजल योजना को सरजमीं पर उतारा गया लेकिन ग्रामीण बताते है कि सौर ऊर्जा संचालित मिनी लघु पाइप संचालन के द्वारा जो पानी की सप्लाई की जाती उसकी क्वालिटी और हर घर नलजल योजना के पानी मे काफी भिन्नता है सौर ऊर्जा से पानी की सप्लाई के लिए जो संयंत्र लगाए गए काफी उच्च कोटि के है। वही सात निश्चय योजना का पानी पीने योग्य नही है सड़ांध देती पीले रंग का पानी की गुणवत्ता बहुत ही घटिया है लोगो ने मिनी लघु पाइप द्वारा सौर ऊर्जा से की जाने वाली जलापूर्ति योजना को चालू करने की मांग की है। जिससे लोगो को शुद्ध पेयजल मिल सके। योजना को लेकर संयंत्र में काम कर रहे संवाहक ने बताया कि काम के एवज में जो पारिश्रमिक दी जाती थी उसे बंद कर दिया गया इसे लेकर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग सुपौल को पत्र भेज कर समस्या से अवगत कराया गया लेकिन अधिकारियों द्वारा इसे सुलझाने का प्रयास नही किया जा रहा।

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