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Post: उत्तर बिहार एक बार फिर सैलाब की चपेट में कई इलाके डूबे दियरा के इलाकों में घुसा पानी

उत्तर बिहार एक बार फिर सैलाब की चपेट में कई इलाके डूबे दियरा के इलाकों में घुसा पानी

जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :

नेपाल के देव घाट से 6.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है

जिसके कारण इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक़ से अधिक पानी डिस्चार्ज किया गया है

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला 

नसीम खान “क्या”

– अमिट लेख

बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। उतर बिहार में एक बार फ़िर सैलाब का सितम देखने क़ो मिल सकता है, सीमावर्ती नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में हो रही भारी वर्षा के बाद गंडक नदी में उफ़ान है।

दियारा क्षेत्र में घरों में घुसा बाढ़ का पानी

नेपाल के देव घाट से 6.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसके कारण इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक़ से अधिक पानी डिस्चार्ज किया गया है। लिहाजा दियारा के निचले इलाकों में नदी का पानी तेज़ी से फ़ैलने लगा है औऱ बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं,जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ रहीं हैं।

फोटो : नसीम खान “क्या”

हालांकि प्रशासन आपदा की हऱ घड़ी से निपटने के दावे क़र रहा है। डीएम नें बगहा में गंडक नदी तट पर स्थल निरिक्षण क़र निचले इलाकों क़ो जल्दी खाली करने की लोगों से अपील किया है औऱ फ़िलहाल स्थिति सामान्य होनें की जानकारी दीं है। दरअसल 21 वर्षों बाद नेपाल से नारायणी गंडक नदी में सार्वधिक पानी छोड़ा गया है जिसके बाद बाढ़ से त्रासदी की संभावना तेज़ हो गईं है। लोग डरे सहमे हुए हैं औऱ प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। एहतियातन वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटको क़ो उठा क़र वाटर लेवल की प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा रहीं है,गंडक बराज से लेकर निचले स्तर तक के तटबंधों की निगरानी में अभियंता औऱ सीओ के साथ कर्मी 24 घंटे तैनात किये गए हैं। स्थानीय लोगों की माने तो इतना भयावह स्थिति औऱ पानी दो दशक में नहीं दिखा है।आशंका जताई जा रहीं है की वाल्मीकिनगर के भेड़िहारी,चकदहवा, ठाडी टोला, झंडू टोला औऱ बीन टोली, कान्हा टोली समेत दियारा के निचले इलाकों ठाकरहां औऱ पिपरासी समेत भीतहा व मधुबनी में यह पानी निश्चित तौर पर बड़ी तबाही मचाएगा। वहीं सीमावर्ती यूपी के कुशीनगर के भी कुछ इलाके समेत गोपालगंज औऱ सारण समेत पूर्वी चम्पारण में लोगों क़ो बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ेगी । बतादें की मौसम के मिजाज़ पर सारा कुछ निर्भर करता है की नेपाल में औऱ अधिक कितनी वर्षा होती है जिसको लेकर नेपाल द्वारा कितना अधिक पानी छोड़ा जाता है हालांकि जल संसाधन विभाग के साथ प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है औऱ सतत निगरानी के साथ आपदा से निपटने के दावे किये जा रहें हैं ।

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