जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :
बोले पूरी तरह निकल चुका है पानी
न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल
संतोष कुमार
– अमिट लेख
सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। डीएम कौशल कुमार ने बताया कि बुधवार को पुलिस अधीक्षक शैशव यादव के साथ उन्होंने जिले के बाढ़ग्रस्त इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया।
तटबंध के भीतरी इलाकों से अब बाढ़ का पानी पूरी तरह निकल चुका है। नदी का बहाव केवल मुख्य धारा में हो रहा है। बीते दिनों नेपाल प्रभाग में हुई अप्रत्याशित बारिश के बाद कोसी नदी उफान पर थी। इसकी वजह से सुपौल जिले के पांच प्रखंडों के एक्कतीस पंचायत के एक लाख तीस हजार दो सौ पैंतीस लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। जिले की कुल दस पंचायत पूर्ण और इक्कीस आंशिक रूप से प्रभावित हुईं। इसमें सबसे अधिक किशनपुर और सदर प्रखंड प्रभावित हुआ। किशनपुर प्रखंड की चार पंचायत पूर्ण और पांच आंशिक रूप से प्रभावित हुईं। यहां संतावन हजार एक सौ पैंतीस और सदर प्रखंड में सैंतीस हजार पांच सौ पचपन लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। सदर प्रखंड के चार पंचायत पूर्ण और चार आंशिक रूप से प्रभावित हुए। यह जानकारी डीएम कौशल कुमार ने बुधवार को कार्यालय वेश्म में प्रेसवार्ता में दी। डीएम कौशल कुमार ने बताया कि बुधवार को पुलिस अधीक्षक शैशव यादव के साथ उन्होंने जिले के बाढ़ग्रस्त इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया। तटबंध के भीतरी इलाकों से अब बाढ़ का पानी पूरी तरह निकल चुका है। नदी का बहाव केवल मुख्य धारा में हो रहा है। जबकि कुछ खेतों में भी अभी पानी जमा है। हालांकि, यह पानी आगे चल कर खेती के लिहाज से फायदेमंद साबित होगा। बचाव और राहत कार्य की रही यह स्थिति डीएम ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए जिला प्रशासन द्वारा किशनपुर में छिहत्तर सदर में अड़सठ सहित कुल दो सौ उन्चालीस नाव का परिचालन किया गया। वहीं सैंतालीस सामुदायिक रसोई केंद्र संचालित की जा रही हैं। सबसे अधिक चौबीस रसोई केंद्र का संचालन किशनपुर प्रखंड क्षेत्र में किया जा रहा है। सामुदायिक रसोई केंद्रों पर रोजाना औसतन दो लाख पच्चास हजार लोगों को भोजन कराया जा रहा है। इसके अलावा सदर प्रखंड में छह, किशनपुर में दो और मरौना में एक बाढ़ राहत शिविर संचालित किया जा रहा है। अब तक बाढ़ पीड़ितों के बीच तैंतालीस हजार चार सौ चौदह पैकेट सूखा राशन वितरण किया गया है। सदर प्रखंड में उन्नीस एक सौ चौबालिस और किशनपुर में सोलह हजार दो सौ सत्तर सूखा राशन पैकेट वितरण किया गया है। वहीं किशनपुर में चौदह हजार सात सौ और सदर में चौदह हजार तीन सौ सहित कुल अड़तीस हजार पांच सौ बाइस पॉलीथीन शीट वितरित की गई है। इसके अलावा सुपौल में पैंतीस और किशनपुर में बत्तीस कुंतल पशुचारा का वितरण किया गया। प्रभावित इलाकों में लगाए गए एक्कतीस मेडिकल और बाइस मवेशी कैंप जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पीड़ितों के स्वास्थ्य जांच के लिए एक्कतीस मेडिकल कैंप लगाए गए। जहां कुल दो हजार एक सौ तैंतालीस लोगों ने इलाज कराया। वहीं, प्रभावित इलाकों में सात सौ अस्सी किग्रा ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया। मवेशियों के स्वास्थ्य जांच के लिए भी बाइस कैंप लगाए गए। जहां तीन हजार पांच सौ तीड़सठ मवेशियों का इलाज किया गया। इसके अतिरिक्त प्रभावित इलाकों में एक सौ छब्बीस नए चापाकल लगवाए गए और नौ शौचालय का निर्माण कराया गया। जारी रहेगा राहत कार्य, मुआवजा के लिए चल रहा सर्वेक्षण डीएम ने बताया कि वैसे तो तटबंध के अंदर से पानी निकल चुका है। लेकिन कई लोगों का घर बाढ़ में बह गया है। जबकि कई परिवारों का घर आंशिक और पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। लिहाजा, जब तक स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाती है, तब तक जिला प्रशासन की ओर से राहत कार्य जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि फसल और गृहक्षति को लेकर सर्वेक्षण कराया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सर्वेक्षण कराकर प्रावधान के अनुसार पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश मिला है। जल्द ही मुआवजे की राशि पीड़ितों के बैंक खाते में भुगतान की जाएगी। उन्होंने कहा कि तटबंध की सुरक्षा में जल संसाधन विभाग केज अभियंताओं ने सराहनीय कार्य किया है। फिलहाल जिले में तटबंध सहित सभी स्पर पूरी तरह सुरक्षित हैं।