



बगहा से ग्रामीण संवाददाता कमलेश यादव की रिपोर्ट :
महुअर-ओझवलिया में आयोजित श्री सीताराम महायज्ञ में नित्य दोपहर 12.30 से अपराह्न् 03 बजे तक बह रही भक्ति-भाव की सरिता
वृन्दावन से पधारे पूज्य श्री अमरनाथ जी महाराज द्वारा गत दिवस अपने कथा-प्रवचन क्रम में समुन्द्र मंथन और राजा बलि से जुड़े कथानक से श्रोतागण को झुमने पर मजबूर कर दिया
न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला
कमलेश यादव
– अमिट लेख
बगहा ग्रामीण, (ए.एल.न्यूज़)। सेमरा थाना क्षेत्र के महुअर-ओझवलिया गाँव में संत मुरारी दास द्वारा गत 20 मार्च से प्रारंभ हुए श्री सीता राम महायज्ञ के तीसरे दिवस आचार्य श्री अमरनाथ जी द्वारा देव-दानव प्रसंग से जुड़े समुन्द्र मंथन और असुर कुल में उत्त्पन्न राजा बलि से जुड़े महात्म्य को संगीत-भजन के साथ सुनाया गया।

आचार्य श्री अमरनाथ के श्री मुख से समुन्द्र मंथन और देव-असुर संग्राम का वर्णन और बीच-बीच में प्रसंग से जुड़े भजन संगीत को सुन उपस्थित श्रोतागण भाव-विह्वल हो नाचने झुमने लगे। आचार्य श्री ने जन मानस को इश्वर प्रदत्त इस अनमोल जीवन को भक्ति भाव से लबरेज कर परोपकार और धर्म, त्याग सरीखे कार्यों में पल-पल भले ना हो सके लेकिन प्रत्येक दिवस कुछ क्षणों के लिए उलझाने की सीख दी।

आज के कथा क्रम में आचार्य ने बताया की समुन्द्र मंथन में जब अमृत प्राप्त हुआ तो कैसे असुर समुदाय अमृत कलश को झपट कर उससे देवताओं को वंचित करने का प्रयास किया और कैसे फिर श्री हरि मोहिनी रूप धारण कर अमृत पान पहले करने के होड़ में आपसी संघर्ष कर रहे असुर समुदाय को अपने वश में कर माया कस बल देवताओं को अमृत पान कराया। कथा में पूज्य गुरुदेव ने बताया कि जब मोहिनी रूप धर श्री हरि विष्णु शनि और सूर्य देव को अमृत पान करा रहे थे तो संशय में उलझे राहू नामक दैत्य ने देवताओं को पिलाई जा रही अमृत धार में से अमृत पान कर लिया।

फिर, श्री हरि ने अपना मूल स्वरुप धारण कर कैसे राहू नामक दैत्य का सिर अपने चक्र सुदर्शन से छिन्न कर डाला। तब से राहू बिना धड़ के और सिर विहीन राहू का धड़ केतु के नाम से विख्यात हुआ। प्रवचन के अगले क्रम में आज आचार्य द्वारा भक्त ध्रुव की कथा का श्रवण कराया जाएगा।

आठ दिवसीय इस महायज्ञ में अयोध्या से आयी राम लीला मंडली द्वारा प्रत्येक रात्रि एक बजे तक राम लीला का मन मोहक झांकी प्रस्तुत किया जा है। लिहाजा, ओझवलिया सहित आस-पास के सभी ग्रामीण क्षेत्र अनायास राममय हो चुका है।

सायंकाल से हीं यज्ञ स्थल जहाँ हजारों श्रधालुओं से पटने लगा है, वहीँ, यज्ञ मेला में टावर झुला, ब्रेक डांस, ट्रेन सफारी जैसे विभिन्न मनोरंजन कार्यक्रमों में बच्चे-बच्चियों की किलकारियां गूंजने लगी है।
