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Post: वृक्षारोपण प्राणीयों के लिए सुन्दर उपहार है

वृक्षारोपण प्राणीयों के लिए सुन्दर उपहार है

महराजगंज जनपद से ब्यूरो रिपोर्ट :

पौधे जानवरों को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं

यह मनुष्यों द्वारा छोड़ी गई जहरीली कार्बन-डाइऑक्साइड को सोख लेते हैं

न्यूज़ डेस्क, जनपद महराजगंज 

तैयब अली चिश्ती

– अमिट लेख

महराजगंज, (ए.एल.न्यूज़)। जनपद महराजगंज के मिठौरा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम डुमर भार धरमौली के कब्रिस्तान पर बृहस्पतिवार को गरीब नवाज रिलीफ फाऊंडेशन की जानिब से वृक्षारोपण किया गया।

फोटो : अमिट लेख

इस अवसर पर लिपटस सागवन बैर कदम के लगभग 200 पेड़ लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए गरीब नवाज रिलीफ फाऊंडेशन की तरफ से कब्रिस्तान के चारों तरफ तार बाड़ लगाया गया है। इस अवसर पर वृक्षारोपण की महत्व बताते हुए मौलाना मोहम्मद रमजान अमजदी ने कहा कि सृष्टि के सर्वश्रेष्ठ प्राणी मनुष्य और जानवरों का जीवन पेड़ों से बहुत गहरा नाता है। पेड़-पौधे हर जानवर के जीवित रहने के लिए आवश्यक हैं। पौधे जानवरों को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। और यह मनुष्यों द्वारा छोड़ी गई जहरीली कार्बन-डाइऑक्साइड को सोख लेते हैं। हम अल्लाह तआला द्वारा दी गई ऑक्सीजन लेकर जीवित रहते हैं। एक 100 फुट ऊंचे पेड़ द्वारा छोड़ी गई ऑक्सीजन की मात्रा 8 लोगों का आसानी से भर सकती है। एक पेड़ एक वर्ष में लगभग 13 किलोग्राम कार्बन-डाइऑक्साइड सोख लेता है। अगर पेड़ बड़ा है तो सुबह के समय कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है।
अल्लाह तआला ने पवित्र क़ुरआन में पेड़ों के बारे में कई आयतें उतारी हैं। हमारे प्यारे पैगंबर मुहम्मद रसूलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अपने हाथों से पेड़ लगाए और उनकी देखभाल की। इस्लाम में वृक्षारोपण का बहुत महत्व है। पेड़ लगाना इबादत माना जाता है। पवित्र पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने लोगों को कई बार, कई तरीकों से पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। पवित्र क़ुरआन की सूरह हज की 18वीं आयत में कहा गया है कि यह वृक्ष अल्लाह को सजदा करता है। उसकी तस्बीह पढ़ता है। इस आयत से यह समझा जा सकता है कि पेड़ भी अल्लाह को सजदा करते हैं। हमारे प्यारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने भी अपनी हदीसों के ज़रिए पेड़ लगाने और उसके फ़ायदों के बारे में बताया है। इसलिए, इसकी ज़रूरत और अहमियत हमारे लिए बेहद अहम है। सहीह बुखारी शरीफ़-2320; मुस्लिम शरीफ़-4055 हदीस में नबी करीम ने फ़रमाया- अगर कोई मुसलमान कोई पेड़ लगाए या खेत में फ़सल बोए और अगर कोई कीड़ा, इंसान या चौपाया उसमें से खा ले, तो वह उसके लिए सदक़ा माना जाएगा। पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने बिना किसी कारण के पेड़ों को काटने के खिलाफ चेतावनी दी थी। इसलिए, हमें पेड़ों को अनावश्यक रूप से काटने के प्रति सावधान रहना होगा। कई बार, हमें विभिन्न मीडिया में शत्रुता के कारण रात के अंधेरे में सैकड़ों पेड़ों को काटने की खबर मिलती है। यह घोर अन्याय है। यह खबर हमें भी दुखी करती है। क्योंकि मुझे लगता है कि पेड़ों को अनावश्यक रूप से काटने का मतलब जीवन को मारना है। इस अवसर पर ईसा मोहम्मद इशरत अली इजहार हदीस अली कलामुद्दीन अजीमुद्दीन तैयब अली हसरुद्दीन अब्दुल्लाह अरमान तबरेज मोहम्मद शकील शहादत अली आरिफ अली सदरुल हक हकमुद्दीन अजहरुद्दीन उपस्थित रहे।

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