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सुहागिन महिलाओं ने की वट सावित्री की पूजा

त्रिवेणीगंज नगर परिषद क्षेत्र में बट सावित्री को लेकर महिलाओं ने अपने अपने पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाओं ने की वट सावित्री की पूजा

✍️ संतोष कुमार, विशेष संवाददाता
– अमिट लेख

त्रिवेणीगंज, (सुपौल)। नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत आज रोज शुक्रवार की पहले सुबह से ही पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाओं ने बढ़-चढ़कर की वट सावित्री पूजा की।

नगर परिषद क्षेत्र मुख्य बाजार, जनता रोड, ब्लॉक रोड, लालपट्टी, एवं आस-पड़ोस जगहों से आई हुई सुहागिन महिला सहित अन्य महिलाओं ने धूमधाम एवं हर्षोल्लास से वट सावित्री की पूजा की। इस दौरान सुहागिन महिलाएं अपने अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन को लेकर बट सावित्री व्रत रखते हुए बरगद के पेड़ के नीचे पूजा -अर्चना की। मालूम हो कि सुहागिन महिलाओं के लिए वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति की आयु लंबी होती है। और दांपत्य जीवन खुशीयों से भरा होता है।

सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना को लेकर बरगद के नीचे वट वृक्ष की स्वेच्छा पूर्ण पूजा करती है। खासकर इस दिन सावित्री और सत्यवान का कथा भी सुहागिन महिलाएं पढ़ती है। वही बट सावित्री पर्व को लेकर सुहागिन महिलाएं फल फूल और कच्चे धागे को बरगद के पेड़ में लपेट कर पूजा अर्चना करती है। और ऐसा मानना है कि इस कथा को सुनने से मनोवांछित फल की भी प्राप्ति होती है। सावित्री सत्यवान का कथा का वर्णन स्कंद पुराण और पौराणिक पूरा पुराण में भी इसका वर्णन है। कहते हैं इसी दिन सावित्री अपने पति सत्यवान का प्राण यमराज से लौटा लिया गया था। बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री ने सत्यवान का प्राण लौटा कर अपना पति के लंबी उम्र का वरदान भी पाया।इस दिन सुहागिन महिलाएं उपवास रहकर पूजा करती हैं। पूजा अर्चना के बाद सुहागिन महिलाएं अपने घरों में जाकर पति के चरण स्पर्श करते हैं। और फल खिलाते हुए उन्हें बांस के नए पंखे से हवा देते हैं। ताकि पति को भीषण गर्मी का एहसास हो सके। खासकर नगर परिषद क्षेत्र में एवं आस पड़ोस की कई सुहागिन महिलाएं एवं नव विवाहित महिला को सावित्री और सत्यवान की कहानी भी सुनाई जाती है।

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