उत्तर बिहार में बाढ़ ने दी दस्तक मोतिहारी जिला के फुलवरिया घाट पर बह गया डायवर्सन
ढ़ाका सीतामढ़ी का सम्पर्क टुटा, वाहन परिचालन ठप
✍️ दिवाकर पाण्डेय के साथ पप्पु ठाकुर
– अमिट लेख
मोतिहारी/ढ़ाका। जिला के नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। नेपाल सीमा से सटे फुलवरिया घाट पर बना डायवर्सन बह गया है तो दूसरी ओर बागमती में बाढ़ आने से मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा प्रखंडों में एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के जलस्तर में शनिवार सुबह से वृद्धि होना शुरू हुई। शाम होते-होते नदी के जलस्तर में पांच फीट की वृद्धि दर्ज की गई।
जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से नदी की दक्षिणी उपधारा पर औराई के मधुवन प्रताप घाट पर बना चचरी पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इस चचरी पुल के कई बांस-बल्ले उखड़ गए। इससे दोपहिया वाहनों का आवागमन अवरुद्ध हो गया है। अतरार घाट स्थित चचरी पुल पर भी पानी का दबाव बढ़ गया है। जलस्तर में वृद्धि के बाद इस चचरी पुल पर भी बाइकों का आवागमन बंद कर दिया गया हैं। एक चचरी पुल के क्षतिग्रस्त होने और दूसरे पर दबाव बढ़ने के बाद अब औराई के लोगों को जिला मुख्यालय आने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। लोगों को रुनीसैदपुर होकर 25 किलोमीटर की ज्यादा दूरी तय कर मुजफ्फरपुर पहुंचना होगा। वहीं, दक्षिणी क्षेत्र के लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए पांच की जगह 20 किमी की दूरी तय करनी होगी। मुजफ्फरपुर के कटरा और औराई में चचरी पुल के सहारे प्रतिदिन हजारों लोग आते जाते थे। इससे प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय की दूरी कम पकड़ती थी। खासकर बागमती तटबंध से घीरे बभनगामा पश्चिमी, हरनी, बाड़ा बुजुर्ग, बाड़ा खुर्द, मधुबन प्रताप, राघोपुर, चैनपुर, तरवन्ना समेत एक दर्जन गांव व कस्बे के लोग चचरी पुल के सहारे प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक आते जाते हैं। तटबंध के अंदर की करीब 6 हजार की आबादी आज भी बागमती की गोद में पुनर्वास की जमीन नहीं मिलने की वजह से बसे हुए हैं। उधर कटरा में बागमती के जलस्तर में बढ़ोतरी से प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए बागमती नदी पर बने पीपा पुल के दोनों तरफ पानी चढ़ गया है। जलस्तर बढ़ जाने से प्रखंड मुख्यालय की ओर पीपा पुल का कनेक्शन टूट गया है नदी के बांध से टूट गया है। इससे 22 पंचायतों के दर्जनभर गांव के लोगों को प्रखंड और जिला मुख्यालय आने में दिक्कत हो रही है। पीपा पुल की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। लोग नाव की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं। उधर पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में भी नेपाल में अत्यधिक बारिश होने से लाल लालबकेया नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया है। इसकी वजह से ढाका के फूलवरिया घाट पर बना डायवर्सन पानी की तेज धार में बह गया है। शनिवार शाम को इसके बह जाने से पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी के बीच सड़क संपर्क टूट गया है। बसों का परिचालन ठप पड़ जाने से लोग पैदल या बाइक से ही आवागमन कर रहे हैं। फिलहाल लोगों के लिए नाव ही सहारा है जिसकी सरकारी व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। पूर्वी चंपारण के लोगों को सीतामढ़ी जाने के लिए जमुआ घाट से होकर जाना पड़ेगा और इसमें 20 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी।