ठकराहा में पीपी तटबंध पर एंटीरोजन कार्य की खुली पोल
बरसात की पहली बौछार से दरका तटबंध
ग्रामीणों ने मचाया बवाल, तटबंध से उठा भरोसा, लोगों ने तलाशने शुरू किये सुरक्षित ठिकाने
✍️ जगमोहन काजी, संवाददाता
– अमिट लेख
हरनाटांड, (बगहा ग्रामीण)। ख़बर बगहा से है जहां यूपी बिहार के लाइफ लाइन पीपी तटबंध पर कराए गए क़रीब 700 मीटर बांध निर्माण के साथ पहली बरसात में धराशाई होने लगा है। तटबंध में पहली बरसात की बौछार के साथ हीं दरारें पैदा हो गई हैँ, जिसको लेकर ग्रामीणों ने गण्डक नदी तट पर ठकरहा प्रखण्ड के हरख टोला मोतीपुर में विरोध प्रदर्शन किया है। दरअसल नेपाल से निकलने वाली गण्डक नदी यूपी बिहार सीमा होकर गुजरती है। जहां बगहा के ठकरहा में पीपी तटबंध के समीप हरख टोला स्थित क़रीब 7 करोड़ की लागत से जल संसाधन विभाग की ओर से हाल ही में एंटी रोजन कार्य कराया गया था। जो बरसात की पहली फुहार को नहीं रोक सका और बांध दरकने के साथ नदी में कटकर समाहित होने लगा। लिहाजा, गण्डक दियारावर्ती इलाके के लोगों में प्रशासन व जल संसाधन विभाग के खिलाफ आक्रोश है। यहीँ वज़ह है कि लोग सपरिवार नदी तट पर हो रहे कटाव को लेकर विरोध में उतर आए हैं। बरसात पूर्व ही कटाव रोधी कार्य नदी में धराशाई होने से अफ़रा तफ़री मची है। बताया जा रहा है कि गण्डक नदी के जलस्तर में अभी मामूली बढ़ोतरी हुई है और कटाव रोधी कार्य बेअसर साबित होने लगा है। जिसके चलते ग्रामीणों में भय का माहौल कायम हो गया है। और मन हीं मन ग्रामीण किसी सुरक्षित ठिकाने कि तलाश में भी बेचैन देखे जा रहे हैँ। बताया जा रहा है कि ठकराहा प्रखंड के हरखटोला मुसहरी में एन्टीरोजन कार्य में तकनीकी खामियों औऱ अभियंताओ की अनदेखी के कारण क़रीब 4 सौ मीटर तटबंध नदी में विलीन होने के कगार पर है। हालत को देख, ग्रामीण आशंका जता रहे की बरसात में भारी तबाही मचने की सम्भावना है, वहीं, बांध टूटने से इंकार नहीं किया जा सकता है। बरसात से पहले ही एक तरफ से सटर्ड और कैरैट नदी में धंस रहे हैं। हद तो यह है कि मौके से जल संसाधन व सिंचाई विभाग के अभियंता भी नदारद हैं। यहीँ वज़ह है कि आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है औऱ ग्रामीण सरकार से जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि तटबंध और गावों की सुरक्षा के लिए सरकार करोडों रुपये प्रति वर्ष खर्च करती है। लेकिन प्रशासनिक व विभागीय भ्रष्टाचार की वजह से समाज की आर्थिक व्यवस्था सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। यही भ्रष्टाचार समाज के अंग-अंग में बस कर आम जनता को त्रस्त करता है। औऱ हर साल बड़ी तबाही बाढ़ औऱ कटाव से होती है। लिहाजा इस बार शुरुआती दौर में ही बांध दरकने व कटने के साथ नदी में विलीन होने को लेकर दियारावर्ती इलाके के लोग इसकी उच्च स्तरीय जांच के साथ ही कार्रवाई की मांग पर अड़े हैँ। फ़िलहाल बचाव कार्य शुरू करने की बात कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि हरख टोली में बांध दरकने की खबर पर पूरे प्रशासनिक अमला के साथ डीएम दिनेश कुमार राय कटाव स्थल पर पहुंचे हैं और कराए गए कटावरोधी कार्य का बारीकी से निरीक्षण किया है। डीएम ने बताया की उन्हें जैसे हीं इस मामले की खबर मिली उन्होंने जलसंसाधन विभाग के मुख्य अभियंता समेत अन्य अभियंताओं के साथ स्थल का निरीक्षण किया है। आशंका और घबराने की बात नहीं है। बनाए गए बांध में जहां भी कटाव हुआ है उसका मरमत्ती कार्य शुरू कर दिया गया है। अब से यहां अभियंताओं की टीम लगातार कैंप करेगी और कटाव रोधी कार्य की अनियमित्तता में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे ऊनपर कार्रवाई की जाएगी। बता दें की ठकरहा के हरख टोला में 400 मीटर तक बचाव रोधी कार्य धराशाई हो गया है।