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Post: संग्रामपुर में शिक्षक प्रशिक्षण में व्याप्त है घोर खामी

संग्रामपुर में शिक्षक प्रशिक्षण में व्याप्त है घोर खामी

पूर्वी चम्पारण के संग्रामपुर में चल रहे शिक्षकों के प्रशिक्षण में अनियमितता की शिकायत, ट्रेनिंग के नाम पर हो रहा खानापूर्ति

आवासीय प्रशिक्षण का नही निकला टेन्डर,रात्री नही रहते शिक्षक

✍️ दिवाकर पाण्डेय, जिला न्यूज़ ब्यूरो

– अमिट लेख
मोतिहारी। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफसर चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच तकरार मचा हुआ है तो दूसरी ओर शिक्षा विभाग के अधिकरी भ्रष्टाचार का खेल जमकर कर खेल रहे हैं।

मामले की जानकारी विभाग के डायरेक्टर तक पहुंच गई है। पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह मामला मोतिहारी से जुड़ा हुआ है जहाँ प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षको का आवासीय प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ( डायट ) के भवन और जिले के संग्रामपुर प्रखण्ड के दरियापुर स्थित प्रखंड शिक्षा व् प्रशिक्षण संस्था ( बायट ) पर चल रहा है जिसमे सैकड़ो शिक्षक आवासीय प्रशिक्षण के लिए भाग लिए है। विभाग के आदेश पर एक शिक्षक के ऊपर एक दिन में 500 रुपए खर्च करना है जिसमे रहना और खाना सबकुछ शामिल है पर इस ट्रेनिंग की हकीकत हैं कि ये शिक्षक दिन में तो ट्रेनिग में रहते है लेकिन रात में गायब हो जाते हैं पर उनके नाम पर खर्च पूरी हो रही है। इसमें खर्च को लेकर भारी पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत की जा रही है। इसके लिए कुछ लोगो ने अधिकारियों को लिखित शिकायत की है। इसमे कहा गया है कि इस प्रशिक्षण के लिए शिक्षको पे जो रुपए खर्च होने है जिसमे चाय , नाश्ता , भोजन, रहने के लिए बिछावन , पंखा, बेड , मॉड्यूल , स्टेशनरी इन सब के लिए बजाप्ता नियम के अनुसार टेंडर होना था , पर इसी में अधिकारियो द्वारा बड़े तौर पर खेल किया गया हैं। दोनो जगहो पर हुए टेंडर में पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाया गया है क्योंकि नियम है कि किसी भी सरकारी कार्य में खर्च के लिए एक लाख रुपए से ज्यादा का बजट है तो बजाप्ता उसके लिए लीडिंग पेपर में विज्ञप्ति छपनी चाहिए , और टेंडर में जो भी वेंडर अपना कोटेशन डालता है तो टेंडर खुलने के वक्त सभी को सूचित करने की जरूरत है ।इसके साथ-साथ टेंडर खुलते वक्त कमिटी के साथ टेंडर धारकों का विडियो रिकॉर्ड होना चाहिए ,पर इसमें इन नियमो का पालन नहीं किया गया है,और एक खास व्यक्ति को टेंडर दे दिया गया है। इस मामले में प्राचार्य डॉ चन्द्रमोली ने भी स्वीकार किया कि वे टेंडर के लिए जो नियम है उसका पालन नहीं किया है । लेकिन इसके पीछे का बहाना उन्होंने ये बताया कि विभग के द्वारा बहुत कम समय में आदेश आया जिसके पालन करने में नियम का ध्यान नहीं दिया गया। हलाकि प्राचार्य पर यह आरोप उन्ही के व्याख्याताओं ने लिखित रूप से लगाया है जिसमे व्याख्याताओं ने यह भी लिखा है कि प्राचार्य द्वारा किसी खास वेंडर को लाभ पहुचाने के लिए इस कार्य का टेंडर दे दिया गया है। इसी तरह की स्थिति डायट के अलावे जिले के दरियापुर प्रखण्ड शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में भी हुआ है। वहां भी इस टेंडर के लिए अखबार में कोई विज्ञापन नहीं छपवाया गया और न हीं टेंडर खुलने के समय सबूत के तौर पर विडीयोग्राफी कराया गया। इस मामल में जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया की टेंडर में अनियमितता की जानकारी मिली है पर विभाग के डायरेक्टर के आदेश आने के बाद जाँच किया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।इसके साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि जानकारी मिली है कि प्रशिक्षण लेने आए ज्यादातर शिक्षक रात्री में गायब हो जाते है वैसे शिक्षको पर भी कार्रवाई होगी ।

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