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Post: प्रभु के भजन कीर्तन करने से कीर्तन स्थल पर एक नई ऊर्जा का होता है संचार

प्रभु के भजन कीर्तन करने से कीर्तन स्थल पर एक नई ऊर्जा का होता है संचार

श्री राधे गोविंदा मन भज ले हरि का प्यारा नाम है…

पुराने युगों में लोगों के दीर्घायु होने का एक बहुत बड़ा कारण प्रभु भक्ति भजन कीर्तन

मुंगेर से निरंजन कुमार की रिपोर्ट :

– अमिट लेख

मुंगेर, (जिला ब्यूरो)। चातुर्मास अनुष्ठान के दौरान शनिवार को पादुका दर्शन सन्यास पीठ में भजन कीर्तन का आयोजन हुआ। दो दिवसीय भजन कार्यक्रम में जबलपुर से भजन संध्या के कलाकारों ने भक्ति रस के सरोवर में श्रद्धा के वर्षा बरसाए। श्री राधे गोविंद मन भज ले प्रभु का प्यारा नाम है…।

उद्धार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े…, मत कर तू अभिमान रे बंदे झूठी तेरी शान…, भजन पर सन्यास पीठ के सन्यासी सहित विदेशी प्रशिक्षुओं ने भी भक्ति रस में एक नई ऊर्जा को ग्रहण किया। नित्य का झूमने लगे। भजन संध्या के कलाकार तिलक सिंह कश्यप, ज्योति सोनी, राकेश कुमार, राम कुमार अनिल कोरिया ने संगीत के साथ भक्ति भजन कीर्तन प्रस्तुत किया। कलाकारों को बिहार योग विद्यालय के सचिव धर्म रक्षित आरएन सिंह ने उपहार प्रदान कर सम्मानित किया। मालूम हो कि इन दोनों सन्यास पीठ में रामायण के पाठ के साथ शिवजी का जाप किया जाता है सन्यासियों के लिए यह पावन अवसर माना जाता है।

बताते चले की 21 से 25 अगस्त तक स्वामी माधवानंद द्वारा प्रवचन की प्रस्तुति सन्यास पीठ में होने जा रहा है 27 से 30 अगस्त तक श्री कृष्ण राधा का आराधना का कार्यक्रम है वही, 8 से 12 सितंबर को श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ होगा। स्वामी परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि प्रभु के भजन कीर्तन करने से कीर्तन स्थल पर एक नई ऊर्जा का संचार होता है जिसके प्रभाव में साधक को सुख की अनुभूति होती है। यह कहा कि पुराने युगों में लोगों के दीर्घायु होने का एक बहुत बड़ा कारण प्रभु भक्ति भजन कीर्तन एवं सत्संग था इसके अनुसरण करने से अल्पायु से बचा जा सकता है।

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