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बिहार नियोजित शिक्षक को राज्य कर्मी का दर्जा देने के खिलाफ के के पाठक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

बिहार सरकार के मंशा पर उठाया सवाल

न्यूज़ डेस्क, पटना 

पूजा शर्मा

– अमिट लेख

पटना, (कार्यालय ब्यूरो)। एक तरफ बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने को लेकर नीतीश सरकार ने गंभीरता दिखाई है तो वही दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इसके खिलाफ देश की सबसे बड़ी अदालत का रुख किया है। ऐसे में अब तमाम नियोजित शिक्षक असमंजस में है कि आखिर सरकार की मंशा क्या है। सरकार की ओर से लगातार नियोजित शिक्षकों को आश्वासन दिया जा रहा है कि उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा लेकिन, इसके खिलाफ ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का सुप्रीम कोर्ट जाना, शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। दरअसल टीईटी शिक्षक संघ की ओर से नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया गया था। इसी याचिका के खिलाफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी याचिका दायर की है। दें कि 25 सितंबर से ही शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव केके पाठक पटना से बाहर हैं और जानकारी थी कि विभागीय कार्यों से वह दिल्ली गए है। इसी बीच नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार बनाम टीईटी शिक्षक संघ डायरी संख्या 39833/2023 मिला है। ऐसे में इस संबंध में टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम का कहना है कि सरकार की मंशा समझ में नहीं आ रही कि नियोजित शिक्षकों को लेकर सरकार की मंशा क्या है। क्या सरकार सचमुच नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देना चाहती है या नियोजित शिक्षकों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए आश्वासन पर आश्वासन देते हुए राज्य कर्मी का दर्जा नहीं देना चाहती है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार के लोग कह रहे हैं कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर विभाग के अपर मुख्य सचिव शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी याचिका दायर कर दिए है। अमित विक्रम ने बताया कि इस संबंध में वह उच्चतम न्यायालय में अपने वकीलों से बात करेंगे और आगे क्या करना है उसके बाद ही इस संबंध में कुछ बता पाएंगे। बहरहाल प्रदेश के नियोजित शिक्षकों की लंबे समय से मांग रही है कि उन्हें बिना किसी शर्त के राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए। इसके पीछे उनका तर्क है कि सरकार की ओर से आयोजित की गई तमाम दक्षता परीक्षा को पास करके वर्षों से नियोजित शिक्षक विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य कर रहे है। इसी को लेकर बीते दिनों प्रदेश के तमाम शिक्षक संगठन एकजुट होकर नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर पटना में प्रदर्शन किए थे। इसके बाद इस मसले पर सीएम हाउस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन के विधान मंडल दल की बैठक बुलाई। बैठक में शामिल नेताओं ने कहा नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा।

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