ऑटो मेंस यूनियन की चेतावनी
न्यूज़ डेस्क,पटना
दिवाकर पाण्डेय
अमिट लेख
पटना (विशेष ब्यूरो) : मोटर वाहन नियमों में बदलाव के खिलाफ ऑटो चालकों की हड़ताल जारी है। ऑटो मेंस यूनियन ने केन्द्र सरकार द्वारा ड्राइवरों के लिए बनाए गए नए कानून का कड़ा विरोध किया है और इस काले कानून को तुरंत वापस लेने की मांग की है। मौजूदा केन्द्र सरकार द्वारा मोटर वाहन नियमों में संशोधन कर 10 साल की सजा और 5 लाख रुपया आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही नियमों को सख्त करते हुए जमानत का प्रावधान भी खत्म कर दिया गया है। मोटर वाहन नियमों में हुए इसी संशोधन पर अब ऑटो चालक यूनियन नाराज है और हड़ताल पर है। पहले से बने मोटर व्हिकल एक्ट में यह प्रावधान है कि किसी भी वाहन से किसी भी व्यक्ति की दुर्घटना के दौरान मौत हो जाती है तो वैसी परिस्थिति में वाहन को जब्त कर वाहन और वाहन चालक पर मुकदमा होता था और एमभीआई द्वारा जांचोपरांत न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर वाहन और वाहन चालक को जमानत मिल जाता था और दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिजन द्वारा न्यायालय में आवेदन देने के बाद उक्त वाहन के इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा मृत व्यक्ति के परिजन को मुआवजा मिलता था। न्यायालय में उक्त वाहन चालक को दोषी ठहराए जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान पहले से है। ऑटो मेंस यूनियन का मानना है कि इस कानून के लागू हो जाने के बाद देश स्तर पर वाहन चलाने वाले किसी प्रकार के वाहन चालक ड्राइवरी करना छोड देंगे, जिससे करोड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इस कानून को लागू करने से पहले इस कानून पर सभी विपक्षी पार्टी के नेताओं और परिवहन व्यवसाय से जुड़े संगठनों से राय-परामर्श करनी चाहिए। अगर जरुरत पड़े तो इसमें संशोधन करना चाहिए। इस आशय की जानकारी ऑटो मेंस यूनियन के महासचिव अजय कुमार पटेल ने दी है। उन्होंने कहा कि देशस्तर पर भारी वाहन से लेकर बसों तक 1, 2 और 3 जनवरी 2024 तक बंद का ऑटो मेंस यूनियन नैतिक समर्थन करता है। इस आशय का निर्णय ऑटो मेंस यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया है। बैठक में विनय प्रसाद, प्रवीण सिंह मुखिया, पप्पू कुमार, कृष्णा शर्मा, मनोज कुमार प्रभाकर, शिवाजी चौधरी, कमलेश केसरी, चंद्रशेखर प्रसाद केसरी मुख्य रुप से शामिल थे।