हमारे विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
परिजनों ने जमकर काटा बवाल
सुगौली रेलवे स्टेशन रोड प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अगल बगल में ज्यादातर चल रहे है अवैध नर्सिंग होम
न्यूज़ डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय/इमरोज आलम
– अमिट लेख
पटना/सुगौली। पूर्वी चम्पारण जिला में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की मिली भगत से धडल्ले से चल रहे अवैध नर्सिंग होम जानलेवा साबित हो रहे हैं। जिला में अवैध नर्सिंग होम में आये दिन जच्चा बच्चा की मौत के बात भी स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की कुम्भकर्णी नीद नही खुल रही है। जिसके कारण भोले भाले लोग बड़े बड़े बोर्ड देखकर जान गंवाने को मजबूर है। जिला के लगभग सभी प्रखंडो में अवैध नर्सिंग होम का कारोबार धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। ताजा मामला सुगौली थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। जहां पेट दर्द का इलाज कराने नर्सिंग होम पहुंची महिला की इलाज के दौरान मौत हो गयी। परिजन इंजेक्शन लगाने से मौत का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। वही डॉक्टर सहित कर्मी नर्सिंग होम छोड़कर फरार बताये जा रहे है। वही परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। सुगौली नगर के स्टेशन रोड में एक बार फिर से अवैध नर्सिंग होम संचालक ने गर्भवती महिला की जान ले ली है। मामला मंगलवार सुबह की है जहां पेट मे दर्द होने पर इलाज के दौरान चार माह की गर्भवती महिला की मौत हो गई। मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने जमकर बवाल काटा। बताया जाता है कि चिरैया थाना क्षेत्र के अहिरौलिया निवासी रविन्द्र ठाकुर की पत्नी सरिता देवी अपनी मौसी प्रखंड के पँजिअरवा पंचायत अंतर्गत पँचभिड़वा गांव मे अपने मौसा सिक्रम ठाकुर के यहां आई थी। सरिता चार माह की गर्भवती थी। सोमवार शाम करीब चार बजे पेट मे दर्द होने पर परिजनों ने उसे स्टेशन रोड स्थित एक निजी नर्सिंग होम में ले गए। परिजनों के अनुसार गलत इलाज के कारण महिला की हालत बिगड़ती गई। मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई। जच्चा की मौत होते ही जहां परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं नर्सिंग होम संचालक के विरुद्ध परिजन हंगामा करने लगे। मौके की नजाकत को देखते हुए नर्सिंग होम संचालक नर्सिंग होम बंद कर फरार हो गए। इसके बाद परिजनों ने इसकी सूचना सीएचसी एमओआईसी को दी। इस सम्बंध में एमओआईसी डॉ. असद असदुल्लाह ने बताया कि परिजनों के द्वारा सूचना दी गई है। आवेदन मिलने पर कार्यवाई की जाएगी। वही इस मामले में लोगों के द्वारा पंचायती कर मामला रफा दफा करने के लिए पहल होती रही। ज्ञात हो कि नगर पंचायत में बड़े पैमाने पर अवैध नर्सिंग होम एवं क्लिनिक संचालित हैं। यहां भोले भाले मरीजों की जान से खिलवाड़ आम बात हो गई है। नर्सिंग होम एवं क्लिनिक के संचालक द्वारा जमकर आर्थिक शोषण भी किया जाता है। पैसे ऐंठने के चक्कर में मरीजों को तब तक भर्ती रखा जाता है, जब तक कि मरीज के परिजन कंगाल न हो जाए। इन अवैध नर्सिंग होमो पर कार्रवाई नहीं होने से इनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। आए दिन इन नर्सिंग होमों में जानलेवा घटना घट रही है। नर्सिंग होम में अप्रशिक्षित लोगों के इलाज का शिकार होने से सरिता की जान सिर्फ उदाहरण भर हैं।