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Post: कांग्रेस का हाथ छोड़ बागी नेता हाजी अहमद हुसैन अंसारी ने एआईएमआईएम का दामन थामा

कांग्रेस का हाथ छोड़ बागी नेता हाजी अहमद हुसैन अंसारी ने एआईएमआईएम का दामन थामा

जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :

वाल्मीकिनगर, लोकसभा क्षेत्र में 2024 चुनाव से पहले महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला 

ब्यूरो नसीम खान “क्या”

– अमिट लेख
बगहा, (ब्यूरो रिपोर्ट)। वाल्मीकिनगर, लोकसभा क्षेत्र में 2024 चुनाव से पहले महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेसी नेता हाजी अहमद हुसैन अंसारी बागी हो गए हैं। दरअसल वाल्मीकिनगर सीट कांग्रेस की जगह आरजेडी के खाते में चली गईं है जबकि विगत वर्षो से यहाँ कांग्रेस चुनाव लड़ती चली आ रही थी।विगत चुनाव में भी कांग्रेस उम्मीदवार महज़ 21 हज़ार वोटों से चुनाव हार गए थे। बावजूद इसके कांग्रेस की जगह यहाँ आरजेडी उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है लिहाजा महागठबंधन में फुट पड़ गया है। बतादें उत्तर बिहार के बड़े कोंग्रेसी नेता हाजी अहमद हुसैन अंसारी जो 1972 से बगहा कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे। फिलहाल बतौर तिरहुत जोन के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष औऱ जिला उपाध्यक्ष के पद पर पार्टी में कार्यरत हैं जिन्होंने वाल्मीकिनगर से कांग्रेस का हाथ छोड़कर एआईएमआईएम में ओवैसी का दामन थाम बागी होकर चुनाव लड़ने की घोषणा किया है। बताया जा रहा है की हाजी अहमद हुसैन पारम्परिक कांग्रेस की सीट आरजेडी के खाते में जाने से बेहद नाराज़ हैं । उन्होंने कहा है कि राजद के खाते में यह सीट चला गया है इसका मलाल नहीं है बल्कि राजद भाजपा से आए नेता को टिकट दे रही है । यह तानाशाही रवैया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस का हाथ छोड़ एआईएमआईएम का दामन थाम लिया है। लिहाजा अब वे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से चुनाव लड़ेंगे।ऐसे में आरजेडी उम्मीदवार के लिए 2024 लोकसभा चुनाव में यहाँ जीत की राह मुश्किल नजर आ रही है। नए सर्वे के अनुसार वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र में 3 लाख 15 हजार के करीब मुस्लिम वोटर हैं । ऐसे में एआईएमआईएम के माध्यम से मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए हाजी अहमद हुसैन तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि अभी चुनाव में काफी समय है क्योंकि यहाँ छठे चरण में 25 मई को चुनाव होने हैं ऐसे में एआईएमआईएम यहाँ अल्पसंख्यक वोटरों पर कितना पकड़ बना पाती है यह आने वाले समय में पता चलेगा। लेकिन फिलहाल इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने का अनुमान लगाया जा रहा है क्योंकि उप विजेता रहें कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार प्रवेश मिश्रा नें जेडीयू के सुनील कुमार कुशवाहा को कड़ी टककर देकर महज़ 21 हज़ार वोटों से चुनाव हार गए थे जो भी बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने के मूड में हैं। बतादें की हाजी अहमद हुसैन अंसारी पेशे से संवेदक रहें हैं जो कांग्रेस के लिए वर्षों से समर्पित कार्यकर्त्ता रहें लेकिन अब बगावती तेवर अपनाकर आरजेडी का खेल बिगाड़ने को बेताब हैं। अब देखने वाली बात है कि इस बदलते समीकरण से एनडीए के जदयू उम्मीदवार सुनील कुमार कुशवाहा की जीत की राह आसान हो पाती है या…..!

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