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Post: नीतीश जी साथ नहीं होते तो बीजेपी जीरो पर आउट : संजय पासवान

नीतीश जी साथ नहीं होते तो बीजेपी जीरो पर आउट : संजय पासवान

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

संजय पासवान ने बताया अपने पार्टी का औकात

एक सवाल के जवाब में संजय पासवान ने बताया प्रशांत किशोर के साथ चले गए हैं

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए. एल. न्यूज़)। लोकसभा चुनाव 2024 के संपन्न होने के साथ केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार बन चुकी है। चुनाव में एनडीए को और खासकर बीजेपी को बड़ा झटका लगा। 400 पार का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी 240 पर सिमट गई। जेडीयू के 12 सांसदों का समर्थन सरकार बनाने के लिए अनिवार्य हो गया। चुनावी नतीजे की समीक्षा का दौर अभी भी जारी है। बिहार में भारतीय जनता पार्टी 17 से 12 सीटों पर आ गई और चालीस की चालीस का दावा करने वाली भाजपा को पांच सीटों का नुकसान हुआ। चुनावी परिणाम लेकर भाजपा के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान का बड़ा बयान सामने आया है। एक प्रकार से उन्होंने अपनी पार्टी को हैसियत दिखाने का काम किया है। पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती के पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में संजय पासवान ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार साथ नहीं होते तो भारतीय जनता पार्टी बिहार में जीरो पर आउट हो जाती। समारोह को संबोधित करते हुए खुले मंच से राजनीतिक भूचाल पैदा करने वाला बयान पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दिया। उन्होंने कहा, ” मुझे कहने में कोई गुरेज नहीं है कि अगर नीतीश जी साथ नहीं होते तो बीजेपी जीरो पर आउट हो जाती। यह कहने में थोड़ा अटपटा लगता है लेकिन सच्चाई है। इन दिनों बिहार में ताकत का ध्रुवीकरण हुआ है। राज्य में एक ताकत तेजस्वी के साथ गया है तो दूसरे ताकत समूह के नेता नीतीश कुमार बन गए हैं इसमें कोई शक नहीं है। जातियों का जुटान हो रहा है।

उधर प्रशांत किशोर की ताकत रूप में गुप्त रूप से बढ़ रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हम लोगों से कोई मिलने आता है, पूछते हैं कि क्या कर रहे हैं तो बताता है कि प्रशांत किशोर के साथ चले गए हैं। जो लोग हमारे साथ भाजपा में और जदयू में थे वे पीके के साथ जा रहे हैं।” संजय पासवान ने कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात सामाजिक क्षेत्र का इलाका है लेकिन बिहार यूपी और बंगाल राजनीतिक क्षेत्र का इलाका है। बिहार जैसे राज्य में राजनीतिक हस्तक्षेप किए बिना सामाजिक बदलाव नहीं लाया जा सकता। अगर आप लोग सम्मान, समृद्धि और भागीदारी ,हिस्सेदारी जैसी चीजों की बात कर रहे हैं इसके लिए राजनीतिक रूप से भी जागरूक सजग और संगठित होना पड़ेगा। इसके लिए गहन चिंतन करना पड़ेगा। बताते चलें कि डॉ. संजय पासवान पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री हैं। वे नवादा के पूर्व सांसद भी हैं और फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। उनका यह बयान राजनैतिक रूप से बहुत बड़ा है। बीजेपी के विरोधी इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। संजय पासवान बुधवार को पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि के मौके पर हुए एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। पुण्यतिथि कार्यक्रम में जहानाबाद से पूर्व सांसद अरुण कुमार भी शामिल हुए। वह भूमिहार जाति से आते हैं। संजय पासवान ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि अरुण कुमार जी ने अपनी ताकत दिखाई और और इनकी ताकत जहानाबाद में दिखी भी। ये अपने समाज को संगठित करते रहे हैं जिसका असर जहानाबाद में देखने को मिला है।

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