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Post: राजद व कांग्रेस ने भ्रष्टाचार कर बिहार के गरीबों को लूटा : मंगल पांडेय

राजद व कांग्रेस ने भ्रष्टाचार कर बिहार के गरीबों को लूटा : मंगल पांडेय

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

बिहार सरकार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल पाण्डेय ने कांग्रेस की बिहार में जारी ‘पलायन रोको, नौकरी दो ‘पदयात्रा पर तंज कसा व कड़ी आलोचना की

न्यूज़ डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार सरकार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल पाण्डेय ने कांग्रेस की बिहार में जारी ‘पलायन रोको, नौकरी दो ‘पदयात्रा पर तंज कसा व कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 के बाद राज्य में बेरोजगारी व पलायन पर जबरदस्त लगाम लगी है। कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि वर्ष 1990 से 2005 तक बिहार के पतन का दौर था। यह वो दौर था, जब बिहार में राजनीतिक पतन, जातिवाद, हिंसा, नरसंहार चरम पर था। 90 के दशक के नरसंहारों को बिहार के युवाओं ने देखा है। उस वक्त दिन के उजाले में गांवों के घर बंद होते थे। वहीं औरतों की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं था। हालत इतनी बुरी हो चुकी थी कि लोग अपना घर छोड़कर पलायन कर रहे थे। श्री पांडेय ने कहा कि उदारीकरण के बाद देश के कई राज्यों ने अपनी तकदीर बदली, लेकिन बिहार न बदल सका। अब धीरे-धीरे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हालात बदले हैं। पांडेय ने कहा कि सत्ता में विजनलेस लोगों को लाने पर यही हाल होगा। 1990 में लालू बिहार के मुख्यमंत्री बने। उसके बाद बिहार में लगातार बाहुबलियों का उभार हुआ। 1990 के बाद बिहार में एक के बाद एक कई घोटालों में राजद नेतृत्व उलझता चला गया। खुद तत्तकालीन मुख्यमंत्री लालू यादव भी चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों में जेल गए। उन्हें दोषी भी ठहराया गया। आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी उन पर आरोप तय हुए। 2005 में जब लालू रेल मंत्री थे, तब भी उन पर रेलवे टेंडर में घोटाले के आरोप लगे। हाल ही में सीबीआई ने उन पर रेलवे भर्ती में घोटाले में भी केस दर्ज किया है। कांग्रेस ने हमेशा राजद का खुलकर समर्थन किया और आज भी कर रही है। ऐसे में कांग्रेस की तरफ से बेरोजगारी व पलायन पर निकाली गयी पदयात्रा जनता के लिए एक मजाक से कम नहीं है। श्री पांडेय ने कहा कि लालू पर अपने शासनकाल में अपराध को बढ़ावा देने के आरोप लगे। फिर चाहे वह बाहुबली-माफियाओं से संबंधों के आरोप हों या हत्या और अपहरण को बढ़ावा देने का मामला। उस दौर में उपद्रवियों और गुंडों को खुली छूट थी। हर तरफ उगाही से लेकर डकैती आम हो गई थी। पटना हाई कोर्ट ने बिहार की सरकार को जंगलराज से तुलना की। बिहार में लालू -राबड़ी शासन के बाद श्री नीतीश कुमार की सुषासन में क्राइम रेट में व्यापक कमी आयी। बिहार की बदहाली में अक्सर कांग्रेस ने राजद का भरपूर साथ दिया। मगर आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इनको सबक सिखा देगी। बिहार में 2005 से पहले फिरौती, हत्या-डकैती और दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध आम बात थी। कांग्रेस को बताना चाहिए कि किन कारणों से 90 के दशक के जंगलराज के कारण लाखों लोगों ने पलायन किया। किसी भी राज्य के विकास के लिए जरूरी है कि वहां कानून-व्यवस्था मजबूत हो। अमन-चौन होगा तभी निवेश होगा और प्रदेश संपन्न होगा, लेकिन बिहार में 90 के दशक में बिगड़ी कानून-व्यवस्था के कारण संपन्न लोग अपना घर-बार छोड़कर पलायन कर गये। इस कारण गरीबी और बढ़ी।

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