



आरक्षण को सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए इस्तेमाल कर रही है भाजपा- राष्ट्रीय संयोजक क्लिफ्टन डी. रोजारियो
मोदी सरकार ने 2017 में वन अधिकार कानून में संशोधित कर वन अधिकार कानून 2006 को खत्म किया : विधायक
न्यूज़ डेस्क, पश्चिम चम्पारण
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। हरनाटाड़ थारू कल्याण महासभा कार्यालय में आज के दौर में आदिवासी समाज की स्थिति विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। परिचर्चा की अध्यक्षता थारू कल्याण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपनारायण प्रसाद ने किया, वहीं परिचर्चा का संचालन शम्भु राय ने किया।
परिचर्चा के मुख्य वक्ता आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक क्लिफ्टन डी. रोजारियो ने कहा कि वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व एरिया का हवाला देकर वन अधिकार 2006 कानून को निष्प्रभावी बना दिया गया है। इतना ही नहीं वन अधिकार 2006 कानून को कमजोर करने के लिए 2011 और 2017 में वन अधिकार कानून 2006 में काफी संशोधन कर बिल्कुल ही निष्प्रभावी बना दिया गया है।
यह सब केंद्र में बैठी मोदी सरकार द्वारा किए गए है। आज पुरे देश में आदिवासियों पर हो रहे हमले का हवाला देते हुए कहा कि आज देश में आदिवासी महिला राष्ट्रपति पद पर बैठी हुई है, लेकिन नए संसद भवन के उद्घाटन में आदिवासी महिला होने के कारण आमंत्रित तक नहीं किया गया। इससे बड़ा आदिवासियों के लिए अपमान क्या हो सकता है। मणिपुर की घटना पर चर्चा करते हुए कहा कि एक सप्ताह मणिपुर में रहकर हालात को देखा है।
बहुत ही बुरा हाल बना हुआ है, उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो भी आज हो रहा है, उसके पीछे भाजपा के गलत नीतियों के कारण हो रहा है। भाजपा सरकार द्वारा पहले नोटिस थमा कर जंगल और पहाड़ों से आदिवासियों को स्थापित किया गया। डर पैदा किया गया, फिर आदिवासियों के खिलाफ तरह तरह का नफरत फैलाया गया। जैसे कुकी अफीम की खेती करते हैं, ड्रग्स का सप्लायर हैं, कुकी राज्य को खोखला बना रहे हैं आदि आदि। इस तरह कुकी समुदाय के खिलाफ मैतई समुदाय में जो भाजपा द्वारा नफरत फैलाया गया।
उसी नफरत का नतीजा आज हम सब देख रहे हैं। 3 माह से अधिक हो गया आदिवासी कुकी और नागा समुदाय के खिलाफ किस तरह से हमले हो रहे हैं, घर और धार्मिक स्थलों को नुक़सान पहुंचा रहे हैं, सबसे अधिक बच्चे और महिलाएं शिकार हो रही हैं। जबकि राज%